भारतीय रेलवे ने लद्दाख और नई दिल्ली को दुनिया के सबसे हाई स्पीड रेलवे लाइन से जोड़ने की योजना बनाई है। यह रेल नेटवर्क भारत और चीन के बॉर्डर से होकर गुजरेगा। रेलवे ने बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन को भारत-चीन बॉर्डर के समानांतर जोड़ने की योजना बनाई है।
पीटीआई की खबर के मुताबिक लोकेशन के सर्वे का पहला चरण समाप्त हो गया है। इस रेलवे लाइन को सैनिकों को सौंपने की बजाए यहाँ पर्यटन को बढ़ाया जायेगा। इस वक्त लद्दाख हवाई और सड़क के माध्यम से जुड़ा हुआ है।
लद्दाख और हिमाचल के इलाके में भारी बर्फ़बारी होती है इसलिए हवाई यात्रा ख़राब मौसम के कारण कई बार बाधित होती है।
465 किलोमीटर की इस रेलवे लाइन की अनुमानित लागत 83360 करोड़ है। यह रेलवे लाइन समुंद्री तल से 5360 मीटर की ऊंचाई पर होगी। चीन की किंगहाई-तिब्बत रेलवे लाइन लगभग 2000 मीटर की उंचाई पर है।
सर्वे के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में 74 टनल, 124 विशाल ब्रिज सहित 396 छोटे पुल भी लगेंगे। इस रेलवे लाइन में 30 स्टेशन होंगे। इस लाइन के मार्ग का आधे से अधिक हिस्सा टनल से कवर होगा। टनल की कुल लम्बाई 244 किलोमीटर होगी।
यह मार्ग लद्दाख और नई दिल्ली को सुंदरनगर, मंडी, मनाली, केय्लोंग, कोकसर, दारचा और कारू जैसे महत्वपूर्ण लोकेशन से जोड़ेगी साथ ही यह रेलवे लाइन हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के शहरों को भी जोड़ेगी।
इस परियोजना के सफल होने के बाद लेह से नई दिल्ली पंहुचने में 20 घंटे का समय लगेगा। इस लोकेशन की दूसरे सर्वे को अगले 30 महीनों में पूरा करके अंतरिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।