भारतीय टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या जो कि सितंबर में खेले गए एशिया कप के दौरान चोट के कारण बाहर हो गए थे, अब उनको भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बड़ा प्रोत्साहन मिला है। हार्दिक पांड्या का नाम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवससीय टीम में शामिल है। ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले हार्दिक पांड्या बड़ौदा की टीम से रणजी ट्रॉफी मैच खेलकर गए थे। जहा उन्होनें अपना ऑलराउंड प्रयास दिखाया और बैट से 73 रन बनाए तो गेंदबाजी में 7 विकेट चटकाए। ऐसे समय में जब क्रिकेटर्स घरेलू क्रिकेट खेलने से दूर भाग रहे हैं, हार्दिक ने भारत ए के लिए खेलने का विकल्प होने के बावजूद भारत के प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट को चुना।
धीरे-धीरे और लगातार अच्छे प्रदर्शन के साथ हार्दिक पांड्या ने टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है और कपिल देव के बाद भारतीय टीम को कोई अच्छा आलराउंडर मिला है। जहा लोग पांड्या को आईपीएल से जानने लगे है, वही से ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज रिकी पोंटिंग ने उन्हें एक विश्व स्तरीय क्रिकेटर में बदल दिया है।
पांड्या ने एमएस धोनी और विराट कोहली के नेतृत्व में अपने कौशल का विकास किया – जो कि कई लोगों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। टाइम्सनाउ.कोम के साथ एक विशेष बातचीत में, बड़ौदा के आलराउंडर ने बात की कि कैसे धोनी और कोहली ने एक क्रिकेटर के रूप में उनका समर्थन किया।
आपने एमएस धोनी और विराट कोहली के साथ-साथ रोहित शर्मा के साथ आईपीएल में काफी समय तक खेला है। आप उनकी कप्तानी शैली में क्या अंतर बताएंगे?
एमएस धोनी एक ऐसे खिलाड़ी है जो ज्यादा बात नही करते, वह हमें वो सब करने देते है जो हम चाहते है। उन्होने कभी मेरे खेल में बदलाव करने की कोशिश नही की। एक कच्चे खिलाड़ी के रूप में धोनी मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण थे, वह मेरा सिखने का समय था, जहां मेरे व्यक्तित्व के साथ मुझे विकसित होना था, उन्होने मेरी भूमिका समझने के लिए मुझे वक्त दिया। विराट के साथ कुछ अलग है, विराट ने मुझे बहुत समय दिया जब मेरे दिन अच्छे नही चल रहे थे, जब में अच्छा प्रदर्शन नही कर रहा था, लेकिन आखिरकार में सफल हुआ।
रोहित एक शानदार खिलाड़ी है। वह आपको यह तक महसूस नही करवाएंगे कि वह कप्तान है। वह भी वो सब करने देते है जो हम चाहते है। वह हमेशा ठंडे रहते है। तीनो खिलाड़ी अलग है लेकिन अपने क्षेत्र में लाजवाब है। एमएस वह कप्तान है जिनकी कप्तानी में मैंने अपनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरु किया, तो उनकी मेरे जीवन के साथ एक अलग कहानी है। विराट ऐसे है जिन्होने मुझे बड़ा क्रिकेटर बनाने में मदद की है और रोहित वह है जिनके साथ मैंने अपना करियर बनाया हैं।
भारत ए और अंडर -19 टीम के कोच के रूप में, राहुल द्रविड़ भारत के युवाओं के कौशल का सम्मान करते रहे हैं – जो भारत के लिए ऐसा करने के लिए आगे बढ़े हैं। वह 2016 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान भारत ए के लिए आपके कोच भी थे। उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा और उन्होंने एक बेहतर क्रिकेटर बनने में आपकी क्या भूमिका निभाई?
ईमानदारी से कहूंगा वह ऐसे कोच है जो तुम्हारे मन के अंदर को गलत विचार नही आने देते है। वह हमेशा खिलाड़ियो को उनका प्राकृतिक खेल खेलने देते है- जो उनकी एक शानदार बात है। एक खिलाड़ी के रूप में मेरे पास वह स्वतंत्रता थी, जहां में अपने विचारो को उनके सामने रख सकता था और अपना प्राकृतिक खेल, खेल सकता था, वह खिलाड़ियो पर दबाव नही बनाते थे। वह कुछ बदलाव भी नही आने देते थे। उन्होनें अपना क्रिकेट एक अलग अंदाज में खेला लेकिन वह किसी बल्लेबाज के ऊपर अपना वह अंदाज नही ठोकते। हमे खुशी है कि एक महान दिग्गज खिलाड़ी हमें अपनी परिस्थितियों में खेलने दे रहा है।
क्रुणाल ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टी-20 मैचो की सीरीज खेली थी- जहा उन्हें पहले टी-20 मैच में मैदान के हर कौने में रन खाने को मिले थे, लेकिन उसके बाद उन्होने दूसरे टी-20 मैच में एक शानदार वापसी की थी और जहा उन्होने यह साबित किया था कि वह बड़े मंच मे खेलने के योग्य है। क्या उन्होने पहले टी-20 मैच के बाद तुम्से बात की थी? इसके अलावा आपके पास उनसे ज्यादा अनुभव है क्या आपने उनको कुछ राय दी थी?
मैंने उसको यह कहते हुए संदेश दिया “अच्छी गेंद करवाने के लिए कई मौके और आएंगे।” मैंने उससे कहा मैंनें 90 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले है लेकिन कभी एक ओवर में तीन छक्के नही खाए है, और तुमने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मैंने यह मजाक में कहा था पर उसने अगले मैच में अच्छी गेंदबाजी की थी।
भारत और विदेश में आपका पसंदीदा क्रिकेटर कौन है?
भारत में एमएस धोनी और विदेश में एबी डिबिलियर्स मेरे पसंदीदा क्रिकेटर है। मुझे उनके बल्लेबाजी करने का अंदाज पसंद है, जिस तरह से वह खुद को संभालते है और जिस तरह से वह फील्डिंग करते है मुझे बहुत अच्छा लगता है। एमएस ऐसे बल्लेबाज है जिनके बारे में बोल तक नही सकता। जब वह मेरे पास रहते है तो मुझे अच्छा लगता है। मैंने उनसे और विराट कोहली से बहुत कुछ सीखा है। जिस तरह से वह खेल को लेकर अनुशासन मे रहते है वह लाजबाव है। एमएस ने अबतक बहुत कुछ हासिल किया है लेकिन उनके व्यवहार में कोई बदलाव नही आया है।