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    एमएस धोनी

    लीड्स, 4 जुलाई (आईएएनएस)| आईसीसी विश्व कप-2019 अपने अंत की ओर है। ऐसे में कई क्रिकेट पंडित इस विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी के प्रदर्शन के कारण उनके टीम में होने पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन जब टीम के खिलाड़ियों की बात आती है तो ‘माही भाई’ उनके लिए सबसे ऊपर जान पड़ते हैं।

    कप्तान विराट कोहली और उप-कप्तान रोहित शर्मा लगातार कहते रहे हैं कि धोनी टीम के मजबूत अंग हैं जिनके दम पर टीम चलती है। बाकी के खिलाड़ी भी यही मानते हैं कि धोनी का टीम में होना काफी अहम है।

    टीम के एक सदस्य ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सभी उनके स्ट्राइक रेट की बात कर रहे हैं लेकिन कोई यह नहीं देख रहा कि उन्हें कितनी पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ खेलना पड़ता है।

    उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो, जब बल्लेबाजी की बात आती है तो हम इंग्लैंड नहीं हैं। हमारे पास पूंछ है और माही भाई जब भी बल्लेबाजी करने आते हैं उन्हें पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करनी पड़ती है। उनके पास बेन स्टोक्स जैसी स्वतंत्रता नहीं है क्योंकि इंग्लैंड की बल्लेबाजी नंबर-10 तक है, हमारी नहीं। बांग्लादेश के खिलाफ जैसे ही वे आउट हुए हमने आखिरी ओवर में दो विकेट खोए थे।”

    खिलाड़ी ने कहा, “जहां तक मैदान पर उनके अनुभव की बात है, वो ऐसे शख्स हैं जिनके पास हर सवाल का जवाब है। अगर प्लान -ए काम नहीं करता है तो वो आपको प्लान बी, सी, डी देंगे। अगर आपने बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में ध्यान दिया हो तो वह ऋषभ पंत को बता रहे थे कि उन्हें किस जगह मारना चाहिए। आप इस अनुभव को बाजार से नहीं ला सकते।”

    एक और खिलाड़ी ने कहा कि धोनी के अनुभव के कारण ही कोहली स्वतंत्रता से सीमारेखा के आस-पास फील्डिंग कर सकते हैं।

    खिलाड़ी ने कहा, “विराट भाई डीप में खड़े होकर बाउंड्री बचा सकते हैं क्योंकि माही भाई विकेट के पीछे से गेंदबाजों को मार्गदर्शन दे सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि जब हम कुछ ओवरों के बाद मैदान पर बात करते हैं तो वह गेंदबाज को सटीकता से बता सकते हैं कि उन्हें कहां गेंद करनी हैं और कैसे अपनी तेजी तथा विविधता का इस्तेमाल करना है। मेरे लिए इसका कोई विकल्प नहीं है।”

    एक और खिलाड़ी ने कहा कि जब टीम कोई बड़ा टूर्नामेंट खेलती है तो धोनी की मौजूदगी ही खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए काफी होती है।

    उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि धोनी भाई टीम में हैं। मैदान पर फील्डिंग में कुछ बदलाव करने हों या बल्लेबाजी के लिए दौरान निश्चित जगहों पर रन बनाने का मामला हो, उनका आंकलन और सलाह एकदम सटीक रहते हैं। अगर वे कहते हैं तो हम उसे वैसे ही मानते हैं। वह एक तरह से टीम के उप-कप्तान हैं जो लगातार हमें मार्गदर्शन दे रहे हैं।”

    सभी खिलाड़ियों को लगता है कि अगर भारत को 14 जुलाई को लॉर्ड्स मैदान पर विश्व कप ट्रॉफी उठानी है तो धोनी का टीम में रहना बहुत जरूरी है। बुधवार को हालांकि ऐसी खबरें भी थीं कि विश्व कप के बाद टीम प्रबंधन धोनी से संन्यास लेने के बारे में कह सकता है। टीम प्रबंधन के एक सीनियर सदस्य ने कहा कि यह अब मजाक भी नहीं रह गया।

    उन्होंने हंसते हुए कहा, “धोनी ने जब बलिदान बैज पहना तो बोर्ड ने उनका पूरा समर्थन किया। वहीं एक अधिकारी भविष्य बताने से खुश हैं वो भी तब जब हमें वर्तमान में जीना चाहिए। जिस तरह से उन्होंने टीम की सेवा की है निश्चित ही वह सम्मान का अधिकार रखते हैं।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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