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नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका पर सुनवाई टाल दी, जिसमें चुनाव आयोग को धार्मिक नाम वाली पार्टियों और राष्ट्रध्वज से मिलते-जुलते चिह्नें का इस्तेमाल करने वाली पार्टियों की समीक्षा करने का आदेश देने को कहा गया था।

अदालत 24 मई को मामले की सुनवाई करेगी।

अदालत भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि धार्मिक संकेतों या फिर राष्ट्रध्वज से मिलते-जुलते चिह्नें का इस्तेमाल करने वाली पार्टी अगर इसे तीन महीने में नहीं बदलती है तो उनकी मान्यता रद्द कर देनी चाहिए। उन्होंने इस बाबत अदालत से चुनाव आयोग को दिशानिर्देश देने का आग्रह किया।

याचिका के अनुसार, “मौजूदा समय में हिंदू सेना, एआईएमईआईएम, इंडियन मुस्लिम लीग इत्यादि पार्टियां हैं, जिनके नाम के साथ धार्मिक, जातीय, भाषा संकेत जुड़े हुए हैं।”

याचिका के अनुसार, “इसके अलावा, कांग्रेस समेत ऐसी कई पार्टियां हैं, जो राष्ट्रध्वज जैसे झंडे का इस्तेमाल करती हैं, जोकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की भावना के विरुद्ध है।”

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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