भारत में नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने गुरूवार को करतारपुर सीमा के निर्माण और विकास कार्य के लिए मसौदा पारित कर दिया था। भारत के निर्णय पर पाकिस्तान ने कहा कि इस्लामाबाद सरकार ने पहले ही नई दिल्ली को साल 2019 में आयोजित गुरु नानक की 550 वीं सालगिरह पर करतारपुर बॉर्डर खोलने के निर्णय से अवगत करा दिया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इमरान खान ने कहा कि 28 नवम्बर को पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री करतारपुर सुविधायों का श्री गणेश करेंगे। इस पवित्र समारोह पर हम भारत के सिख समुदाय का स्वागत करते हैं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पंजाब के गुरुदासपुर जिले से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे का निर्माण और विकास करेगा। करतारपुर सिखों का प्रिय धार्मिक स्थल है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि करतारपुर गलियारे परियोजना को आधुनिक तकनीक और सुविधायों से सुसज्जित किया जायेगा। इस निर्माण कार्य के ल्लिये केंद्र सरकार व्यय देगी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान सरकार को सिख समुदाय की भावनाओं का के बाबत सोचने के लिये संपर्क किया था और गलियारे के निर्माण की स्वीकृति के लिए कहा था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि इमरान खान ने लिखित में दिया है कि इन मसलों पर बैठक आयोजित की जाए, लेकिन भारत ने वार्ता के लिए एक कदम आगे बढ़ने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के शांति के प्रयास जारी है और भारत के सिख समुदाय को इस धार्मिक जश्न में सम्मिलित होने के लिए पाकिस्तान ने 3800 वीजा भी जारी किये थे।
मोहम्मद फैसल ने कहा कि हम अपने हिस्से में प्रयास करते रहेंगे लेकिन दूसरी तरफ से ऐसे नकारात्मक सन्देश से ज्यादा देर तक यह संभव नहीं है। पाकिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास के दो अधिकारियों को गुरुद्वारा समिति ने प्रवेश करने से रोक दिया था।