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    नरेंद्र मोदी

    गुजरात विधानसभा चुनाव में दोनों तरफ से घात प्रतिघात हो रहे है। बयानों और सवालों के हमले हो रहे है। आरोपों का सिलसिला जारी है। कांग्रेस पार्टी बीजेपी को हराने के लिए तरह तरह के आरोप और इल्जाम लगा रही है तो वहीं बीजेपी भी कांग्रेस को जवाब उन्ही के अंदाज में दे रही हैं।

    चुनाव में मोदी का किरदार सबसे अहम है। प्रधानमंत्री को चेहरा बनाकर बीजेपी दिल्ली में नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव, यूपी में विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव को जीतने के बाद अब गुजरात में भी मोदी से आस लगाए बैठी है। बीजेपी यहां भी मोदी फैक्टर के जरिये चुनाव जीतने की तैयारी में है।

    गुजरात का चुनाव कहीं से भी गुजरात का चुनाव नहीं लग रहा है। इस चुनाव को केंद्र के कई मंत्री लड़ रहे है। राजनीतिक निशाने पर गुजरात के राजनेताओं से ज्यादा केंद्र के राजनेता जैसे अमित शाह, मोदी, या राहुल गांधी है।

    मोदी तो इस चुनाव के सबसे अहम किरदार माने जा रहे है। चुनाव गुजरात का है लेकिन इसमें साख मोदी की दाव पर लगी मानी जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस चुनाव के द्वारा ही केंद्र के फैसलों का मूल्यांकन भी हो जाएगा। चुनाव इतना अहम है कि अपने सबसे वयस्त कार्यप्रणाली में से भी प्रधानमंत्री इतना तो समय निकाल ही लेते है कि एक दिन में गुजरात में 4 से ज्यादा रैलिया कर सके।

    इस चुनाव में आदिवासी समुदाय को बीजेपी सबसे बड़े वोट बैंक के रूप में देख रही है। मोदी ने आज आदिवासियों का समर्थन पाने के लिए धर्मपुर में चुनावी रैली को संबोधित किया। उन्होंने जनता से कहा कि कांग्रेस पार्टी वाले गुजरात को बदनाम कर रहे है, यह पार्टी वंशवाद कि पार्टी है।

    राहुल को निशाना बनाते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस वालों को औरंगजेब राज मुबारक हो, यह तो पहले से तय था कि राजा का बेटा ही राजा बनेगा। जनता से बीजेपी को मत देने का प्राथना करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस वालों को आप लोग 9 तारिक को सजा सुनाए।