अटल बिहारी वाजेपयी ने साल 2002 में बोगिबील पुल के निर्माण कार्य की शुरुआत की थी। इस निर्माण कार्य की नींव पूर्व प्रधानमन्त्री एचडी देवगौड़ा ने साल 1997 ने की थी। 21 वर्षों तक अरुणाचल प्रदेश और असम की जनता ने इस डबल दकर पुल और रोड ब्रिज के निर्माण का इंतज़ार किया है।
यह अरुणाचल और असम के मध्य की दूरी को 10 घंटे तक कम कर देगा। यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित है। क्रिसमस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पुल का शिलान्यास करेंगे। भास्कर गगोई की उम्र इस पुल के निर्माण शुरू होने के दौरान 18 वर्ष थी। आज भास्कर गगोई डॉक्टर है और प्रधानमन्त्री द्वारा इस ब्रिज के शिलान्यास का इंतज़ार कर रहे हैं।
यह पुल 4.94 किलोमीटर लम्बा है और गुहावटी से 442 किलोमीटर दूर है। भास्कर गगोई ने कहा कि मेरे जैसे बहुत से लोगों का सपना पूरा होने जा रहा है। यह पुल ब्रह्मपुत्र घाटी के उत्तरी और दक्षिणी सिरों को जुड़ेगा, हमसे इसका एक अलग जुड़ाव हैं। उन्होंने कहा कि उस दौरान मैं आठवीं कक्षा में पढता था और आज मैं एक डॉक्टर हूँ।
उन्होंने कहा कि पुल के निर्माण में काफी वक्त लगा और कई संघर्ष हुए और आन्दोलन करने पड़े थे। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र को जोड़ना अपने आप में चुनौती है, यहाँ बारिश और भूकंप की आशंका बनी रहती है। इस पुल को भारतीय रेलवे ने बनाया है। इसके नीचे के डेक पर 2 रेल लाइन हैं और ऊपर की डैक में 3 लेन की सड़क है।
स्थानीय लोगों के अनुसार मेडिकल इमरजेंसी के दौरान यह पुल काफी कारगर साबित होगा। पहले डिब्रूगढ़ जाने के लिए हमें पानी की जहाज की जरुरत होती थी, लेकिन अब हर काम आसानी से हो जायेगा।