Fri. Nov 15th, 2024
    देश में दलितों द्वारा बंद

    देश में इन दिनों काफी आक्रोश माहौल है। हर जगह आंदोलन, धरना, बंद, जैसी चीज़े आग पकड़ रही है।

    महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर चल रही कवायद हो या सरकारी कर्मचारियों का धरना।

    देश में इन दिनों काफी आक्रामक माहौल बन रखा है। सरकार की नीतिओं एवं फैसलों के खिलाफ जनता सड़क पर उतर आई है।

    इसी का एक उदाहरण दिया है देश के तमाम दलित संगठनों ने सरकार के खिलाफ देश भर में दलितों ने भारत बंद की घोषणा करी है।

    भले ही सरकार ने एससी-एसटी अत्याचार निवारण संशोधन अधिनियम बिल लोकसभा में पेश कर दिया हो, परन्तु इसके दलित संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है।

    इसके खिलाफ दलितों में आक्रोश का माहौल है। जिसके चलते समूचे देश में इस बंद की गूँज साफ सुनाई दे सकती है।

    यह भी पढ़ें: मराठा आंदोलन ने दोबारा पकड़ी आग, आज पुरे महाराष्ट्र राज्य में बंद

    बता दे कि, इस मुद्दे की शुरुआत इसी साल 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से हुई जिसमे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट 1989) के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

    कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा था कि सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी सिर्फ सक्षम अथॉरिटी की इजाजत के बाद ही हो सकती है।

    इसके बाद ही देश में इस फैसले के खिलाफ सुर आ रहे थे। इसी के चलते दलित समुदाय ने दो अप्रैल को ‘भारत बंद’ किया था। जिसमे काफी हिंसा हुई और परिणामस्वरूप दर्जन भर से ज़्यादा मौते भी हुईं।

    अब दोबारा दलित संगठन इस फैसले के खिलाफ सरकार पर ‘भारत बंद’ द्वारा दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है।

    समुदाय के कार्यकर्ता दिल्ली के कनॉट प्लेस समेत कई व्यस्त सड़कों, बाजारों में प्रदर्शन और रैलियां करेंगे।

    दलित नेता अशोक भारती ने कहा कि ‘पहली बात तो ये कि सरकार का अदालत पर कोई नियंत्रण नहीं है इसलिए कुछ भी हो सकता है और दूसरी बात यह है कि दलितों के बीच आत्मविश्वास पैदा करने को लेकर सरकार का कोई भी फैसला स्पष्ट नहीं है।’

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *