खुदरा महंगाई के बाद आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की थोक महंगाई दर में नवंबर में वृद्धि दर्ज की गई। इसमें खाद्य वस्तुओं, विशेषकर सब्जियों के थोक महंगाई दर में वृद्धि देखी गई। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित देश की वार्षिक महंगाई दर नवंबर में बढ़कर 0.58 फीसदी हो गई। जबकि अक्टूबर में यह 0.16 फीसदी थी।
हालांकि, वार्षिक आधार पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों में गिरावट का रुझान है। महंगाई इसी अवधि में 2018 के दौरान 4.47 फीसदी बढ़ी थी।
मंत्रालय ने नवंबर के लिए ‘इंडेक्स नंबर्स ऑफ होलसेल प्राइस इन इंडिया’ की समीक्षा में कहा, “पिछले वर्ष की इसी अवधि में 4.56 फीसदी की बिल्डअप दर की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष में बिल्डअप महंगाई की दर दो फीसदी है।”
क्रमिक आधार पर प्राथमिक वस्तुओं पर खर्च 6.41 फीसदी से बढ़कर 7.68 फीसदी हो गया। प्राथमिक वस्तुओं का डब्ल्यूपीआई में कुल वेटेज 22.62 फीसदी है।