हाल ही में जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक देशभर में मौजूद करीबन 17 लाख कंपनियों में से करीबन 6 लाख कंपनियां अक्टूबर महीने तक बंद हो चुकी है।
आयकर विभाग और अन्य संस्थाओं द्वारा उठाये गए कड़े क़दमों के बाद करीबन एक-तिहाई कंपनियों को बंद कर दिया गया है। इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक 31 अक्टूबर तक भारत में सिर्फ 11.30 लाख कंपनियां ही बची हैं।
बंद की गयी कंपनियों में से ज्यादातर कंपनियां ऐसी थी, जिन्होंने लम्बे समय से कोई लेन-देन नहीं किया था। इसके अलावा कई कंपनियां किसी तरह की गैर-कानूनी गतिविधि में शामिल थी।
कॉर्पोरेट मंत्रालय की ओर से कहा गया, “31 अक्टूबर तक भारत में कुल कंपनियों की संख्या 17,04,319 थी। हालाँकि 31 अक्टूबर तक चालू कंपनियों की संख्या 11,30,784 रह गयी है।”
रद्द की गयी कंपनियों की यदि बात करें तो करीबन 5.35 लाख कंपनियों को बंद कर दिया गया, 1123 कंपनियों को निष्क्रिय होने की वजह से रद्द कर दिया गया, 5,957 कंपनियां जांच के अंतर्गत हैं और 31,666 कंपनियां बंद होने की प्रकिर्या में हैं।
इसके अलावा मंत्रालय की ओर से कहा गया, “कुल बंद हुई 5,34,674 कंपनियों में से 10,443 कंपनियों को मिश्रित कर दिया गया है। इसके अलावा 4,92,735 कंपनियां निष्क्रिय पड़ी थी। 19,984 कंपनियों को अन्य कंपनियों के साथ मिला दिया है। 6,719 को एलएलपी कंपनियों का दर्जा दे दिया गया है।”
इस समय जो भी चालू कंपनियां हैं, उनमे से लगभग 3.34 लाख कंपनियां व्यापारिक सेवाओं में हैं। इसके अलावा 2.30 लाख कंपनियां निर्माण क्षेत्र से हैं।