लोक सभा चुनाव में अब साल भर से भी काम समय बचा है। पांच साल राज करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के लिए भी आगामी चुनाव किसी इम्तिहान से काम नहीं होंगे।
यह देखना दिलचस्प होता है की क्या देश में अभी भी 2014 वाली मोदी लहर कायम है या सत्ता विरोधी लहर चल गई है।
इसी को लेकर तमाम दल आज कल आगामी चुनावों को लेकर चौकस हो गए है। हाल ही में बने कांग्रेस के नेतृत्व में बने महागठबंधन में से अनबन के सुर आ रहे थे।
राहुल गांधी का नाम प्रधान मंत्री के लिए पेश करने से काफी साथी दल नाराज़ हो गए थे परन्तु बाद में कांग्रेस ने संसद में बहुमत के आधार पर प्रधान मंत्री बनाने की बात बोल सभी दलों की दिक्कतों को दूर कर दिया।
इसी को लेकर हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने इस पार अपनी बात रखी।
अपने बयान में देवगौड़ा ने कहा कि, “किसी तरह का अनावश्यक भ्रम पैदा करने की कोशिश न करें। मैं पहली ही कह चुका हैं कि यहां (कर्नाटक) में हम कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार चला रहे हैं। कांग्रेस ने पहले कहा कि राहुल गांधी पीएम पद के उम्मीदवार होंगे। जबकि पीटीआई के एक संवाददाता ने मुझसे कहा कि पीएम पद के उम्मीदवार के लिए कांग्रेस ममता बनर्जी अथवा मायावती का नाम प्रस्तावित करेगी क्योंकि वह इस पद के लिए महिला उम्मीदवार चाहती है, मैंने पत्रकार से कहा कि मुझे इससे कोई समस्या नहीं है।”
इसके बाद देवगौड़ा ने आज कल एनआरसी पर हो रही कवायद पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि, “असम के एनआरसी मसले का ‘सौहार्दपूर्ण एवं शांतिपूर्ण’ तरीके से समाधान निकलना चाहिए।” अब देखना यह दिलचस्प होगा कि किसे इस महागठबंधन की बागडोर मिलती है।