विश्वकप शुरु होने से पहले यह अनुमान लगाए जा रहे थे कि भारत के स्पिनर मिडल-ओवर में अच्छी गेंदबाजी नही कर पाएंगे। लेकिन कप्तान विराट कोहली पिच को देखते हुए साउथमेपट्टन में कल दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ दो स्पिनरो के साथ गए और उनका यह निर्णय सही साबित हुआ क्योकि टीम के स्पिनरो ने 5 विकेट चटकाए।
युजवेंद्र चहल को मैच में 18वें ओवर में कप्तान विराट कोहली द्वारा गेंदबाजी सौंपी गई पहला ओवर में उन्हें कोई विकेट नही मिला। लेकिन उनका दूसरा ओवर ऐसा रहा जिससे मैच का रुख बदलता नजर आया। उन्होने अपने दूसरे ओवर में आते ही विकेट चटकाया और डू प्लेसिस (38) और वेन डर डुसेन (22) की शानदार साझेदारी को ब्रेक लगाया।
इंग्लैंड की तेज परिस्थितियो में चहल ने एक शानदार गेंदबाजी करते हुए भारत की झोली में जीत डाली। 20वें ओवर की पहली गेंद पर वेन डेर डुसेन ने एक रिवर्स स्विप लगाने की कोशिश की लेकिन वह इसमें नाकाम रहे और गेंद सीधे विकेटो पर जा लगी और वह चहल का पहला शिकार बने।
उसके बाद चहल की कुछ गेंद डोट गई और फॉफ डू प्लेसिस उनके खिलाफ बहुत सावधानी से खेलने की कोशिश कर रहे थे और कोई बड़ा शॉट नही लगा रहे थे। ओवर की आखिरी गेंद, चहल ने फ्लिपर फेंकी जिसमें डू प्लेसिस सही से गेंद को डिफेंस नही कर पाए और बैट और पेड के बीच से गेंद निकलेत हुए विकेट के बीच घुस गई।
केवल अपने दूसरी ही ओवर में लेग स्पिनर ने दक्षिण-अफ्रीका की बल्लेबाजी लाइन-अप पर दबाव बना दिया। कुलदीप भी उसके बाद पार्टी में शामिल हुए और उन्होने जेपी डुमिनी को 3 रन पर चलता किया। उसके बाद पारी में, चहल ने एक और महत्वपूर्ण साझेदारी पर ब्रेक लगाया। उन्होने बाएं हाथ के बल्लेबाज डेविड मिलर को एक स्टोक डिलवरी कराई और मिलर उन्हे ही कैच थमा बैठे।
मिलर का विकेट एक बार फिर कार्यवाही को धीमा बना गया क्योंकि दक्षिण अफ्रीका तेजी के बजाय पुनर्निर्माण मोड में चला गया। एंडिले फेहलुकवायो भी उसके बाद एक तरह से अपना विकेट गंवा दिया था क्योंकि वह चहल की गेंद पर आगे बढ़कर शॉट खेलने की कोशिश कर रहे थे और एमएस धोनी ने उन्हे स्टंप आउट कर दिया।