रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा घोषणा की गयी थी की पहली ट्रेन 18 तीन नए रूट पर भी दौड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की थी की इसी माह हमें एक और नयी ट्रेन 18 देखने को मिल सकती है अर्थात यह अनुमानित है की दूसरी ट्रेन 18 को इसी महीने लांच किया जाएगा।
पार्ट्स होगे मेड इन इंडिया :
पहली ट्रेन 18 लांच की गयी थी वह पूरी तरह से भारत में निर्मित नहीं थी बल्कि उसके कुछ भाग जैसे खिड़की के शीशे आदि इम्पोर्ट किये गए थे क्योंकि उन्नत तकनीक पार्ट्स भारत में उपलब्ध नहीं थे।
हालांकि रेलवे ने इस बार कहा है की तीसरी बार बन्ने वाली ट्रेन 18 में पूरी तरह स्वदेशी पार्ट लगाए जायेंगे और कोई भी पार्ट आयातित नहीं होगा। ऐसा करने पर मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा।
नयी ट्रेन 18 में होंगी ये खूबियाँ :
आने वाले महीनों में लांच होने वाली ट्रेन 18 में होने वाली खूबियों के बारे में रेलवे विभाग ने जानकारी साझा की है जिसमे बताया गया है की पहली ट्रेन 18 में आयातित शीशे लगाए गए थे क्योंकि भारत में वे उपलब्ध नहीं थे। इसके बाद दूसरी ट्रेन 18 इसी महीने लांच होने वाली है उसमे भी ऐसा ही होगा लेकिन जो तीसरी ट्रेन 18 लांच होगी उसमे कोई भी आयातित पार्ट नहीं होगा बल्कि भारत में ही निर्मित शीशे लगाए जायेंगे।
भारतीय निर्मित शीशों में यह खूबी होगी की वे शेट्टर प्रूफ होंगे अर्थात वे टूटेंगे नहीं। हाल ही में ट्रेन 18 के लांच से पहले और बाद में घटनाएं देखी गयी थी जिसमे अज्ञात लोगों द्वारा इस पर पत्थरबाजी की गयी थी। इन्हीं कुछ घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए रेलवे ने ऐसे शीशे इस्तेमाल करने का फैसला लिया है।
इसके साथ ही आने वाली ट्रेन 18 की स्क्रीन पर लैमिनेटेड ग्लास लगाए जायेंगे अर्थात वे क्रैक हो जायेंगे लेकिन फॉर भी टूटेंगे नहीं। यह उन घटनाओं को देखते हुए किया गया है की लोगो द्वारा ट्रेन में दी गयी स्क्रीन पर स्क्रैच कर दिए जाते हैं और अब कभी कभार टूट भी जाते हैं। लेकिन नयी तकनीक वाले ये ग्लास नहीं टूटेंगे।
अगले पांच सालों में लांच होंगी 130 नयी ट्रेन 18 :
रेलवे विभाग ने आने वाले वर्षों की योजना बनाई है। इसके अनुसार 130 आगामी रेलगाड़ियों के रूट की लंबाई के आधार पर लगभग 50-60 मार्गों को कवर करने की उम्मीद है। यह विशेष रूप से बेंगलुरू-चेन्नई, पुणे-मुंबई, दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली-जयपुर जैसे मध्यम दूरी के खंड मार्गों में उड़ानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली को भी इन ट्रेनों के बढ़ते उत्पादन को संभालने के लिए रोप-वे किया जाएगा।