ब्रिटेन ने घोषणा की है कि ग्रुप ऑफ सेवन साल 2022 के अंत तक दुनिया को कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ डोज प्रदान करेगा। ब्रिटेन इस शिखर सम्मेलन की दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में मेजबानी कर रहा है। देश ने कहा कि वह अगले वर्ष के भीतर कम से कम वैक्सीन की 10 करोड़ अधिशेष खुराक दान करेगा। इसमें से वैक्सीन की 50 लाख खुराक वह आने वाले हफ्तों में दान करेगा। जी-7 दुनिया के सबसे अमीर सात देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन का संगठन है।
बता दें कि यह घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब अमीर देशों से कहा जा रहा है कि वे कम विकसित देशों को कोरोना टीकाकरण में मदद करें। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 100 गरीब देशों को फाइजर कोरोना वैक्सीन की 50 करोड़ खुराक मुफ्त देने की घोषणा की थी। साथ ही कहा था कि कहा कि अन्य संपन्न देश इस घोषणा का अनुसरण करें। इससे पहले गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिकी प्रतिबद्धता का स्वागत किया और कहा कि यूरोप को भी ऐसा ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फ्रांस साल के अंत तक विश्व स्तर पर कम से कम तीन करोड़ खुराक साझा करेगा।
जी -7 देशों के नेताओं को अपनी वैश्विक वैक्सीन साझाकरण योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के लिए बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ा है। स्पष्ट तौर पर दुनियाभर में वैक्सीन की आपूर्ति में काफी असमानता देखने को मिली है। अमेरिका के पास वैक्सीन का एक बड़ा भंडार है और हाल के हफ्तों में वहां इसकी मांग में भारी गिरावट आई है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि जी-7 के नेता विचार कर रहे हैं कि वैक्सीन की आपूर्ति कई तरीकों से बढ़ाई जा सकती है। इसमें अपनी खुद की खुराक साझा करना शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के संपर्क (आउटरीच) सत्रों को 12 और 13 जून को संबोधित करेंगे। वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आमंत्रण पर डिजिटल माध्यम से इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
ब्रिटेन इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और उसने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को जी-7 सम्मेलन में आमंत्रित किया है। जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ है।