देशद्रोह की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट ने आज जमानत दे दी है। दिशा रवि को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। दिशा रवि को टूलकिट मामले में आरोपी होने के चलते गिरफ्तार किया गया था। दिशा रवि ने गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा और किसान आंदोलन के बीच एक टूल किट को एडिट करने और लोगों तक पहुंचाकर उन्हें भड़काने का काम किया था।
इसके साथ ही उसमें बहुत से ऐसे काम किए जिनके तहत उस पर देशद्रोह का मुकदमा चल सकता है। दिल्ली पुलिस ने कुछ दिन के लिए उसकी कस्टडी मांगी थी, जिसके आज खत्म होने पर कोर्ट ने उसे एक लाख के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया है। वह 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार की गई थी, इसके अलावा दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने निकिता और शांतनु मुलुक से भी पूछताछ की है। ये दोनों की दिशा के साथ ही आरोपी थे, और ये भी जमानत पर बाहर हैं। न्यायालय ने पुलिस को इस मामले पर सतर्क रहने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि मीडिया ऐसा कुछ ना करे जिससे जांच प्रभावित हो। वहीं पुलिस मीडिया से जरूरत से ज्यादा जानकारियां साझा ना करें।
दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद सियासत गरमाई हुई थी। विपक्ष के तमाम सभी नेताओं ने उसकी उम्र का हवाला देते हुए उसकी गिरफ्तारी को अनैतिक करार दिया था। लेकिन पुलिस व न्यायालय का मानना था कि उम्र को देखकर किसी के गुनाह को छुपाया नहीं जा सकता। पुलिस ने दिशा रवि पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया है।
दिशा ने अपने ऊपर लगाए गए सारे आरोप अपने साथियों, शांतनु व निकिता पर डाले हैं। अब दिल्ली पुलिस आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने वाली है। उसके बाद ही इस मामले पर कोई स्पष्ट बयान सामने आ सकता है। हालांकि कोर्ट ने पुलिस को कहा है कि पुलिस ने गिरफ्तारी करने में ज्यादा जल्दबाजी दिखाई है।
दिशा रवि की रिमांड आज खत्म हो रही है। टूलकिट मामले में दिशा रवि को गूगल डॉक की एडिट का एक्सेस था। उसी ने दस्तावेज बनाया और उसका प्रचार-प्रसार भी किया। साथ ही समय-समय पर उसे एडिट भी किया। दिशा रवि और ग्रेटा थनबर्ग की टूलकिट लीक होने के बाद की चैट भी मीडिया के पास हैं।
इसके आधार पर दिशा रवि पर देशद्रोह की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। दिशा रवि ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था, जिसका उद्देश्य किसान आंदोलन को और ज्यादा उग्र बनाना था। हालांकि पकड़े जाने के डर से दिशा ने में ग्रुप डिलीट किया और उस ग्रुप पर मौजूद सभी लोगों के नंबर अपने फोन से भी डिलीट कर दिए थे। इस पूरे टूलकिट प्रकरण की उद्देश भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नकारात्मक छवि का निर्माण करना था।
इसके अलावा खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का भी नाम इस प्रकरण में शामिल है। उम्मीद की जा रही है कि दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद यदि जांच सही से चले तो गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा के पीछे के सभी आरोपियों व साजिशकर्ताओं का पता लगाया जा सकता है।