सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ल्ली के 200 से अधिक सरकारी स्कूलों में 11,000 नए कक्षाओं के निर्माण की आधारशिला रखी। 2015 और 2018 के बीच 8,000 नए कक्षाओं के निर्माण के बाद दिल्ली सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विस्तार का यह दूसरा चरण है।
अरविन्द केजरीवाल का बयान :
आधारशिला रखने के मौके पर अरविन्द केजरीवाल लोगों को संबोधित करते हुए बोले “इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना कोई रॉकेट साइंस जितना कठिन नहीं है, लेकिन जिस तरह से दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे कैंब्रिज, ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड में एक्सपोज़र के माध्यम से दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों में आत्मविश्वास पैदा हुआ है वह दाद देने के काबिल है”
उन्होंने यह भी कहा “यह अविश्वसनीय है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के 300-350 छात्र पिछले साल IIT-JEE की परीक्षा कर पाए। मैं आईआईटी से हूं, मुझे पता है कि इसमें कितनी मेहनत लगती है।”
डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसिदिया ने बताये आंकड़े :
मुख्यमंत्री केजरीवाल के बाद डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संबोधन किया और निर्माण के आंकड़े बताये। उन्होएँ कहा “25 नए स्कूल बनाए गए हैं, 31 निर्माणाधीन हैं और 78 नए स्कूलों के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किए गए हैं”
उन्होंने कहा हमें इस बात का कोई भ्रम नहीं है कि सही बुनियादी ढाँचे का निर्माण होने से शिक्षा पर काम पूरा हो गया है। आज दिल्ली के सरकारी स्कूल निजी स्कूलों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, सरकारी स्कूलों से प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन 40-50 से 250 से अधिक हो गए हैं।
बताया सरकारी विद्यालयों के इस हालत के कारण :
सम्बोधन के दौरान मनीष सिसोदिया ने बताया की हमारे देश में शिक्षा के हालत इसलिए खराब हैं क्योंकि अभी तक शिक्षा को राजनीति से दूर रखा गया था इसी वजह से सरकारी विद्यालयों के हालत इतने खराब हैं। अब समय आ गया है हम शिक्षा को भी राजनीति से जोड़ दें इससे सरकारी विद्यालयों के हालत में अवश्य सुधार होंगे।