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    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी सरकार अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को 15 दिन में रजिस्ट्री दे सकती है और केंद्र से इन कॉलोनियों में रह रहे लोगों को मालिकाना अधिकार देने की प्रक्रिया को शुरू करने का आग्रह किया। मीडिया से बातचीत के दौरान केजरीवाल ने कहा कि शहर के लोग भाजपा पर सिर्फ तभी विश्वास करेंगे जब वह सभी को रजिस्ट्री प्रदान करे।

    केजरीवाल ने कहा, “मैं दिल्ली के लोगों से कहना चाहता हूं कि कृपया अपने हाथों में रजिस्ट्री प्राप्त करने तक आप मालिकाना अधिकार को प्राप्त करने पर विश्वास मत करिएगा। आप ने कई बार वादे देखे हैं।”

    दिल्ली सरकार के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा लोगों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू करने व अपनी तरफ से प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग को मालिकों को रजिस्ट्री देनी होगी।

    उन्होंने कहा, “मुझे पता चला कि वे (भाजपा) सिर्फ 100 लोगों को रजिस्ट्री देंगे और मीडिया कवरेज प्राप्त करेंगे और तस्वीर खिचवाएंगे। मैं चाहता हूं कि केंद्र हर घर के मालिक को रजिस्ट्री दे।”

    उन्होंने दावा किया कि केंद्र कह रहा है कि प्रक्रिया में करीब छह माह लगेंगे और इसलिए यह चुनाव बाद भी जारी रहेगी।

    उन्होंने कहा, “अगर इसमें छह महीने लग रहे हैं तो उन्होंने इसे अग्रिम तौर पर शुरू क्यों नहीं किया। इसे चुनाव से सिर्फ तीन महीने पहले क्यों शुरू किया गया।”

    उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह से तैयार है और ‘सभी को 15 दिनों में रजिस्ट्री दे सकती है।’

    उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2015 में प्रस्ताव भेजा था।

    उन्होंने कहा, “चुनाव से ठीक दो महीने पहले अचानक से उन्हें अधिकार देने की याद क्यों आ गई?”

    केजरीवाल ने कहा कि लोगों को अतीत में कई बार मूर्ख बनाया गया है।

    दिल्ली की 1,731 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए एक विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया। इससे इस तरह की कॉलोनियों में सालों से रह रहे 40 लाख से अधिक निवासियों को लाभ मिलेगा। इस कदम को विपक्ष ने ‘वोट बैंक’ की राजनीति करार दिया है।

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