दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राष्ट्रीय राजधानी में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। इस बीच जनता दल (यूनाइटेड) भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने फैसला किया है कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव वह अपने बलबूते लड़ेगी।
बिहार में जद(यू) के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने बताया है कि पार्टी नेतृत्व ने दिल्ली विधानसभा चुनाव पूरे दमखम से लड़ने का फैसला किया है। इस बाबत पार्टी ने रणनीति बना ली है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने दिल्ली में आठ फरवरी को विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की है, जिसके नतीजे 11 फरवरी को आएंगे।
जद(यू) के दिल्ली प्रभारी संजय झा ने कहा, “पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली प्रदेश इकाई के अनुरोध पर राज्य में अपने बलबूते चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है।”
सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल यह तय नहीं किया गया है कि पार्टी विधानसभा की 70 में से कितनी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्वांचल के लोग रहते हैं और जद(यू) की नजर इन्हीं वोटों पर है। सूत्रों के मुताबिक, इस चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रचार करने आएंगे।
यह भी बताया गया है कि नीतीश का चुनाव प्रचार का कार्यक्रम तय किया जा रहा है। नीतीश चार-पांच सभाओं को संबोधित कर सकते हैं। जद(यू) पूर्वांचल के मतदाताओं की अनदेखी का मुद्दा उठाकर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश करेगी।
सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार शुक्रवार को दिल्ली आ रहे हैं और इस दौरान वह सीटों के निर्धारण और उम्मीदवारों के चयन के लिए दिल्ली प्रदेश इकाई के साथ बैठक करेंगे।
उल्लेखनीय है कि जद (यू) बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहा है। लेकिन पार्टी झारखंड विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरी थी। अब उसने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी अकेले उतरने का निर्णय लिया है।