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    कावेरी नदी

    नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। यमुना का जलस्तर 206.08 मीटर तक पहुंच गया है। एहतियात के तौर पर मंगलवार दोपहर तक नदी के किनारे निचले इलाकों में रहने वाले क्षेत्रों को खाली कर 14 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

    बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि यमुना सोमवार रात 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गई थी। उन्होंने कहा कि मंगलवार देर रात तक जलस्तर और बढ़ने की आशंका है।

    उत्तर भारत में बारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है।

    अधिकारी ने कहा, “हर घंटे बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है। हरियाणा ने रविवार शाम 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है।”

    अधिकारी ने कहा कि बैराज से छोड़े जाने वाले पानी को ही साफ कर दिल्ली में पेयजल की आपूर्ति की जाती है। पानी को आम तौर पर दिल्ली तक पहुंचने में 72 घंटे लगते हैं।

    सैकड़ों लोग यमुना के किनारे रहते हैं, जिन्हें रविवार से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

    अधिकारी ने कहा, “मंगलवार तक शहर के निचले इलाकों के 13,635 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। मंगलवार की देर रात तक और अधिक जलस्तर बढ़ने की उम्मीद है।”

    यमुना ने रविवार देर रात 204.5 मीटर के खतरे के निशान को पार कर लिया। इसके बाद लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हुई।

    सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ संभावित इलाकों में रह रहे लोगों से दिल्ली सरकार द्वारा मुहैया कराए गए टेंटों में जाने की अपील की।

    सरकार ने बिजली, पानी, भोजन और शौचालय की सुविधा से संपन्न 46 राहत शिविरों में 2,120 टेंटों का इंतजाम किया है।

    गौरतलब है कि मानसून के दौरान हरियाणा ने 2013 में 8.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था, जिससे दिल्ली में यमुना का स्तर 207.3 मीटर बढ़ गया था।

    अधिकारी ने कहा, “रविवार को छोड़े गए पानी की भारी मात्रा को देखते हुए यमुना का जलस्तर इस बार भी काफी बढ़ सकता है।”

    दिल्ली में 1978 में भीषण बाढ़ आई थी, उस समय यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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