Fri. Nov 15th, 2024
    दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे

    दिल्ली से मेरठ तक के रैपिड रेल कोरिडोर को यूनियन बजट 2019 से मोदी सरकार द्वारा कुल 1000 करोड़ रुपयों का आवंटन मिला है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के साथ साथ राजधानी एवं मेरठवासियों के लिए भी एक ख़ास खबर है। परिवहन विभाग यह दावा कर रहा है की इसके बनने के बाद दिल्ली से मेरठ केवल 1 घंटे में पहुंचा जा सकेगा।

    पूर्व-निर्माण हो चूका शुरू :

    यह उल्लेखनीय है की दिल्ली से मेरठ तक के इस रैपिड रेल कॉरिडोर की परियोजना पर काम शुरू हो चूका है। हालांकि असल निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन इसके निर्माण से पहले की गतिविधिया जैसे भू-तकनीकी जांच, सड़क चौड़ीकरण कार्य, उपयोगिता मोड़, प्रारंभिक ढेर लोड परीक्षण आदि कार्य शुरू किये जा चुके हैं। इसके निर्माण का शिलान्यास भी जल्द किया जाएगा।

    रैपिड रेलवे कॉरिडोर के बारे में जानकारी :

    आरआरटीएस प्रणाली एक रेल-आधारित तेज़ गति की परिब्वाहन प्रणाली है जो एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। दिल्ली सरकार ने हाल ही में दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस परियोजना के लिए सराय काले खां में एक एलिवेटेड स्टेशन बनाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।

    यह अनुमोदन एनसीआरटीसी के एलिवेटेड स्टेशन के निर्माण के प्रस्ताव के लिए था। एनसीआरटीसी की आरआरटीएस परियोजना के चरण -1 के तहत, तीन तीव्र रेल गलियारों को लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है, अर्थात्, 82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ गलियारा, 103 किलोमीटर लंबा दिल्ली-सोनीपत-पानीपत गलियारा और 164- किमी लंबा दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर गलियारा।

    दिल्ली सरकार से मिली मंजूरी :

    दिल्ली सरकार ने आगामी हाई-स्पीड दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए सराय काले खान में एक एलिवेटेड स्टेशन बनाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

    इस प्रस्ताव को चार महीने लंबित होने के बाद मंजूरी मिली है। चार महीने पहले दिल्ली सरकार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। एलिवेटेड स्टेशन बनाने की लंबित मंजूरी परियोजना की गति के लिए एक बाधा थी। लेकिन जैसा की अब ये मिल चुकी है अब फिर से काम ज़ोरों पर होगा और जल्द ही यह परियोजना समाप्त होगी। इस प्रस्ताव की मंजूरी इस परियोजना को बढ़ावा देगी।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *