दिल्ली में आप सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तनातनी कम नहीं हो रही है। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली सरकार के सभी कर्मचारी आप पार्टी के मंत्रियों के साथ बैठक का बहिष्कार कर रहे है जिसमें खुद अरविंद केजरीवाल भी शामिल है। दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारी हर दिन संबंधित कार्यालय के बाहर एक बजे 5 मिनट के लिए मौन होकर विरोध कर रहे है।
इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि अधिकारियों का रवैया बिल्कुल भी सही नहीं है। उन्हें आप सरकार के साथ मौजूदा संकट को समाप्त करने के लिए अपने “प्रयासों” पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखानी चाहिए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री निवास में आप पार्टी के दो विधायकों ने मुख्य सचिव के साथ कथित तौर पर हमला किया था। बाद में पुलिस ने दो आप विधायकों को भी गिरफ्तार किया। दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि सरकार को आंदोलनकारी कर्मचारियों की मांगों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।
इससे एक दिन पहले दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से अपील की थी।
कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगेगे तब तक सभी अधिकारियों के साथ मिलकर आप मंत्रियों की बैठक का बहिष्कार किया जाएगा।
दिल्ली सरकार के सामाजिक कल्याण मंत्री ने साफ कहा कि दिल्ली के अधिकारियों का व्यवहार बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर हमारे घर में कोई समस्या है तो हम इसे चर्चा के माध्यम से हल करने की कोशिश करते है।
हम सभी एक परिवार की तरह है। हमें एक साथ काम करना चाहिए। विश्वास निर्माण के लिए राजनीतिक शक्ति के साथ कार्यकारी शक्ति का होना आवश्यक है।