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    दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना

    सरकार दिल्ली से मुंबई के बीच एक औद्योगिक कॉरिडोर की स्थापना करने जा रही है, जिसका लक्ष्य देश की राजधानी दिल्ली को आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ना है।

    इस परियोजना को विश्व की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में गिना जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 90 अरब डॉलर रखी गयी है।

    यह कॉरिडोर अपने रास्ते में पड़ने वाले 6 राज्यों को कवर करेगा। यह कॉरिडोर लगभग 1500 किलोमीटर लम्बा है।

    क्यों पड़ी इसे बनाने की जरूरत?

    वर्ष 2008 में जब चीन बीजिंग ओलिम्पिक की तैयारी कर रहा था, तब उसे आइरन ओर (कच्चा लोहा) की जरूरत थी। उस समय चीन को कच्चा लोहा जापान उपलब्ध करवा रहा था।

    लेकिन मांग बहुत अधिक होने की वजह से जापान भारत से भी कच्चा लोहा ले रहा था। लोहे को सुगमता से जमीन के रास्ते भारत के दक्षिणी इलाके से चीन तक पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था न होने के कारण जापान के व्यापार पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ा था।

    इसी के बाद जापान ने भारत के साथ हाथ मिलाकर इस कॉरिडॉर को बनाने की हामी भरी थी।

    क्या है निवेश?

    इस प्रोजेक्ट की लागत 100 अरब डॉलर की है, जिसके लिए जापान और भारत बराबर का खर्चा साझा करेंगे। हालाँकि इस प्रोजेक्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनर्शिप तथा विदेशी निवेश के तहत पूरा किया जाएगा।

    जापान सरकार इस प्रोजेक्ट में 0.1% की ब्याजदर से पैसा लगाएगी। इस लोन की अवधि 40 साल रखी गयी है।

    किसे होगा फायदा? 

    इस कॉरिडॉर के बन जाने के बाद सबसे ज्यादा फायदा उत्पादन व यातायात के क्षेत्र को होगा।

    एक ओर जहां व्यावसायिक यातायात सस्ता होगा, वहीं दूसरी ओर माल ढुलाई में आने वाली लागत में भी कमी आएगी।

    इस कॉरिडॉर को प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्टार्टअप इंडिया व मेक इन इंडिया से भी सीधा जोड़ कर देखा जा रहा है। व्यापार के लिए सुगम रास्ता बनाना इस कॉरिडॉर की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

    क्या है रोजगार की संभावनाएं?

    इस प्रोजेक्ट के तहत ही करीब 30 लाख लोगों सीधे रोजगार मिलेगा। वहीं हर ज़ोन के हिसाब से 5 करोड़ नौकरियों की संभावनाएँ प्रबल होंगी। इसी के साथ ही कॉरिडॉर के आस-पास आईआईटी, ट्रिपल आईटी व बिट्स जैसे संस्थान प्रस्तावित हैं।

    क्या है इसका प्रभाव?

    करीब 1,540 किलोमीटर लंबा ये कॉरिडॉर 6 बड़े निवेश क्षेत्रों के 200 वर्ग किलोमीटर के इलाके को कवर करेगा।

    इसी के साथ यह दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी गुजरात और पश्चिमी राजस्थान को कवर करेगा। इसी के साथ यह मध्य प्रदेश में भी प्रभावी होगा।

    राज्यवार क्या है स्थिति?

    इस कॉरिडॉर के पहले फेज़ में आठ निवेश क्षेत्रों जिनमें दादरी-नोएडा-गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश), मानेसर-बावल (हरियाणा), कुरुक्षेत्र-भिवंडी-नीमराना और जोधपुर-पाली-मारवाड़ (राजस्थान), पीतमपुर-धार-मऊ (मध्यप्रदेश), अहमदाबाद-ढोलेरा (गुजरात), सेन्द्रा-बिदकिन इंडस्ट्रियल पार्क और डीजी फोर्ट इंडस्ट्रियल एरिया (महाराष्ट्र) शामिल है।

    दिल्ली

    यह कॉरिडॉर दिल्ली के 115 किलोमीटर का इलाका कवर करेगा।

    उत्तर प्रदेश

    उत्तर प्रदेश के 22 किलोमीटर के इलाके को कवर करेगा। इसमें

    नोड-1 : दादरी-नोएडा-गाज़ियाबाद निवेश क्षेत्र (DNGIR), 

    नोड-2 : मेरठ-मुजजफरनगर औद्योगिक क्षेत्र (MMIA)  का इलाका है।

    हरियाणा

    हरियाणा में 130 किलोमीटर का इलाका कवर करेगा। जिसके अंतर्गत-

    नोड-3 : फरीदाबाद-पलवाल औद्योगिक क्षेत्र (DNGIR)

    नोड-4 : रेवाड़ी-हिसार औद्योगिक क्षेत्र (RHIA),

    नोड-5 : कुंडली-सोनीपत निवेश क्षेत्र (KSIR),

    नोड-6 : मानेसर-बावल निवेश क्षेत्र (MBIR) का इलाका है।

    राजस्थान

    राजस्थान में ये कॉरिडॉर 553 किलोमीटर का इलाका कवर करेगा, जिसके अंतर्गत

    नोड-7 : कुरुक्षेत्र-भिवंडी-निरमान निवेश क्षेत्र (KBNIR),

    नोड-8 : जयपुर-दौसरा औद्योगिक इलाका (JDIA),

    नोड-9 : अजमेर-किसानगढ़ निवेश क्षेत्र (AKIR),

    नोड-10 : राजसमंद-भीलवाडा औद्योगिक क्षेत्र (RBIA),

    नोड-11 :पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (JPMIA) का इलाका है।

    गुजरात

    इसी तरह से गुजरात में ये कॉरिडॉर 565 किलोमीटर का इलाका कवर कर रहा है। जिसमें

    नोड-12 : अहमदाबाद-ढोलेरा निवेश क्षेत्र (ADIR),

    नोड-13 :वडोदरा-अंकलेश्वर औद्योगिक इलाका (VAIA),

    नोड-14 :बरुञ्च-दहेज निवेश क्षेत्र (BDIR),

    नोड-15 :सूरत नवसारी औद्योगिक क्षेत्र (SNIA),

    नोड-16 :वलसाड-अंबरगाँव औद्योगिक क्षेत्र (VUIA) का इलाका है।

    महाराष्ट्र

    महाराष्ट्र में ये कॉरिडॉर 150 किलोमीटर का इलाका तय करेगा। जिसमें

    नोड-17 : धुले नरधाना निवेश क्षेत्र (DNIR),

    नोड-18 : इगाटपुरी-नासिक-सिन्नार निवेश क्षेत्र (INSIR),

    नोड-19 : पुणे-खेड़ औद्योगिक इलाका (PKIA),

    नोड-20 : ढिंगी औद्योगिक इलाका है (DIAP) का इलाका है।

    मध्यप्रदेश

    मध्यप्रदेश राज्य में इस कुल कॉरिडॉर का महज 1 फीसद इलाका ही आया है। जिसमें

    नोड-21 : नीमाच-नयागाँव औद्योगिक इलाका (NNIA),

    नोड-22 : सजपुर-देवास औद्योगिक इलाका (SDIA),

    नोड-23 : रतलाम-नागदा निवेश क्षेत्र (RNIR), 

    नोड-24 : पीतमपुर-धार-मओ निवेश क्षेत्र (PDMIR) का इलाका है।

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