आम चुनाव में दिल्ली में महागठबंधन को लेकर कांग्रेस ने अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं। एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में केजरीवाल ने कहा कि,”आम आदमी पार्टी राजधानी में अकेले चुनाव लड़ेगी और इसके लिए उन्होंने तैयारी भी शुरु कर दी है।”
बीते दिनों उन्होंने यह भी कहा था कि,”वे लगातार कांग्रेस को गठबंधन करने के लिए प्रस्ताव भेज रहे हैं लेकिन वे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।” वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कहा कि,”उन्हें आप सरकार की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव आया ही नहीं है।”
केजरीवाल ने कहा कि,कांग्रेस आपसी रंजिश भुलाकर मोदी को हटाने के लिए पूरे देश में गठबंधन कर रही है तो दिल्ली में क्यों नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह पर तंज कसते हुए केजरीवाल ने कहा कि,”इस सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी है। देश में अशांति व डर का माहौल पैदा कर दिया है।”
दिल्ली सीएम ने यह भी कहा कि, विपक्षी रैली के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व ममता बनर्जी साथ आए लेकिन दिल्ली में आप अकेली लड़ेगी। उन्हें भरोसा है कि पार्टी सभी 7 सीटों पर जीत हासिल करेगी।
केजरीवाल की पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार विरोधी विभागों की मांग को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से हुआ था। 2013 में कांग्रेस ने दिल्ली में आप को सत्ता में लाने में मदद की थी, लेकिन केजरीवाल ने भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल बिल पर 49 दिनों के कार्यकाल के बाद काम छोड़ दिया। दो साल बाद आप भारी जीत के साथ सत्ता में लौटी और कांग्रेस का सफाया हो गया। दिल्ली कांग्रेस के नेता जोर देकर कहते हैं कि आप पार्टी के कांग्रेस का वोट-बेस हासिल कर सत्ता में पहुंची है।