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    बीएस-6 ग्रेड ईंधन का इस्तेमाल

    राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए राज्य सरकार ने बीएस-6 ग्रेड ईंधन लाने का फैसला पिछले साल ही कर लिया था। पीटीआई रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार ने 2015 में ही यूरो-4 से सीधे बीएस-6 उत्सर्जन मानदंड वाले पेट्रोल-डीजल 2020 को अपना लिया था।

    आपको जानकारी के लिए बता दें कि पिछले महीने 7 नवंबर से दिल्ली में वायु प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ी है। ऐसे में दिल्ली की सरकार ने बीएस-6 ग्रेड ईंधन ही उपयोग में लाने का फैसला लिया है। बीएस-6 ग्रेड ईंधन के जरिए पेट्रोल और डीजल में मिलने वाले सल्फर की मात्रा को प्रति मिलियन के ​दसवें हिस्से तक ही सीमित कर दिया जाता है। वैसे बीएस-6 ग्रेड ईंधन इस्तेमाल वाली गाड़ियां 2020 तक ही दिल्ली की सड़कों पर दिख सकेंगी।

    बीएस-6 नियमों का जारी करना भी एक प्रतिगामी मानसिकता का संकेत है, क्योंकि बीएस-6 ग्रेड ईंधन वाले वाहनों की कीमतें भी काफी बढ़ जाएंगी। वैसे सोचने वाली बात यह है कि क्या दिल्ली में बढ़ने वाले प्रदूषण के लिए केवल वाहन ही जिम्मेदार हैं? साल 2015 में आईआईटी कानपुर के द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक राजधानी दिल्ली में बढ़ने वाले प्रदूषण का सबसे प्रमुख कारण सड़कों की धूल है।

    दिल्ली में बढ़ने वाला प्रदूषण करीब 35 फीसदी पीएम 2.5 छोटे धूल के कणों के चलते होता है। इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सर्दियों में वाहन उत्सर्जन का दर 25 फीसदी पीएम 2.5 से बढ़कर 36 फीसदी हो जाता है। आप को बता दें कि इस योजना को कार्यान्वित होने में अभी दो साल लगेंगे, ऐसा लग रहा है कि सरकार को मीडिया शीर्षक हथियाने का एक अच्छा बहाना मिल गया है।

    मारूति सुजुकी के अध्यक्ष आर सी भार्गव का कहना है ​कि सरकार का इरादा बीएस-6 ग्रेड ईंधन योजना को 2020 में देश के अन्य हिस्सों में भी लागू करने का था, लेकिन अभी ऐसा नहीं हो पाएगा। क्योंकि दो साल का समय तो दिल्ली में इस योजना को कार्यान्वित करने में लग जाएंगे। देश के बाकी हिस्सों में बीएस-6 को लागू करने में और समय लग सकते हैं।

    ऑटो इंडस्ट्री पर ज्यादा पड़ने वाले खर्च के चलते कारों की कीमतें बढ़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि कारों के दामों में 60 हजार रूपए तक का इजाफा हो सकता है। हांलाकि पीटीआई रिपोर्ट के अनुसार, आॅटोमाबाइल निर्माताओं का कहना है कि बीएस-6 ग्रेड ईंधन वाले वाहन 2020 से पहले दिल्ली की सड़कों पर नहीं आ पाएंगे। ऐसे में वाहन निर्माण में निवेश करने के लिए मिलने वाला यह वक्त वाहन निर्माताओं को प्रोत्साहित कर रहा है।

    बीएस-6 ग्रेड ईंधन के फायदे

    • पर्यावरण विज्ञानियोें का कहना है कि बीएस-6 ग्रेड ईंधन मौजूदा बीएस-4 ग्रेड में पाए जाने वाले सल्फर में 80 फीसदी की कमी लाएगा।
    • इस ईंधन के जरिए बड़े स्तर पर वाहनों द्वारा किए जाने वाले उत्सर्जन में सुधार देखने को मिलेगा, क्योंकि बीएस-6 ईंधन काफी क्लीन होता है।
    •  सड़क पर चलने वाले वाहनों की तकनीक में काफी अहम बदलाव देखने को मिलेंगे।
    • सड़क पर चलने वाले बीएस-1,बीएस-2 और बीएस-3 वाहनों पर रोक लगने की पूरी संभावना है।
    • बीएस-6 ग्रेड ईंधन लागू किए जाने से पहले दिल्ली की सड़कें धूल रहित दिखेंगी।
    • दस साल से ज्यादा पुराने डीजल ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
    •  बीएस-6 ग्रेड ईंधन के चलते दिल्लीवासियों के कमोबेस शुद्ध हवा नसीब होगी।