अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने सरकारी तेल कंपनियों के साथ मिलकर अपनी तरफ से पेट्रोल-डीजल के दामों में 2.5 रुपये की कटौती की थी, जिसके बाद केंद्र ने देश के सभी राज्यों से भी अनुरोध किया था कि वे भी उनके पेट्रोल-डीज़ल पर लगाए जा रहे वैट में कमी करके 2.5 रुपये प्रति लीटर की छूट दें।
केंद्र के इस सुझाव को बीजेपी शासित राज्यों ने तो फौरन मान कर तत्काल प्रभाव से राज्यों में कुल 5 रुपये प्रति लीटर की छूट लागू कर दी, लेकिन गैर बीजेपी शासित प्रदेशों ने कई तर्क देते हुए ऐसा करने से माना कर दिया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा पेट्रोल-डीज़ल के दामों में कटौती न करने पर दिल्ली के लोग सस्ते पैट्रोल की खोज में आमतौर पर दिल्ली की सीमा से लगे एनसीआर क्षेत्र के शहरों का रुख कर रहे हैं। नोएडा, फरीदाबाद, गाज़ियाबाद व गुडगाँव सस्ता पेट्रोल होने के चलते लोग इन शहरों से ही अपनी गाड़ियों में तेल भरवा रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली की सीमा से सटे सभी राज्यों में भाजपा सरकार है, ऐसे में इन सभी राज्यों में लोगों को सस्ता ईंधन मिल रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यह कहते हुए अपनी तरफ से वैट घटाने से माना कर दिया कि ‘विगत दिनों में सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल पर लगभग 10 रुपये की एक्साइज़ ड्यूटि बढ़ायी है, तो सरकार को पहले 10 रुपये प्रति लीटर की दर से दाम कम करने चाहिए।’
मोदी सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी 10 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई और मात्र 2.50 रुपए आज कम कर दी? ये तो धोखा हुआ। केंद्र सरकार को कम से कम 10 रुपए प्रति लीटर की कमी करनी चाहिए। https://t.co/WqBzarLLaD
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 4, 2018
इसके जवाब में केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल मुख्यमंत्री केजरीवाल का विरोध करने के लिए दिल्ली की सड़कों पर बैलगाड़ी लेकर निकल पड़े।
मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2.5 रूपए तक कमी की है, लेकिन केजरीवाल सरकार ने 2.5 पैसे भी कम नहीं किए। अगर दिल्ली में पेट्रोल-डीजल के दाम कम न हुए तो यह बैलगाड़ी मार्च केजरीवाल के घर तक जाएगा। pic.twitter.com/EGbC98xZDu
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) October 7, 2018
अब देखना है कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री आम जनता की तकलीफ़ों को समझते हुए पेट्रोल-डीज़ल के दाम घटाते हैं या फिर राजनीतिक दाँव पेंच में ही उलझे रहते हैं?