दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि वो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लोगों को संगठित करेंगे और उनकी राय लेंगे। केजरीवाल दिल्ली सचिवालय के 25वीं सालगिरह के मौके पर बोल रहे थे।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली में अन्य राजनीतिक दलों के मुख्यमंत्री भी दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने विचारों को प्रतिबिंबित किया और कहा कि यदि सरकार अपने लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहती है तो सरकार को अदालत में जाना होगा।
केजरीवाल ने कहा कि ये दिल्ली की जनता का अपमान है कि उनके शहर को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है। उन्होंने कहा “हम दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग पर समर्थन जुटाने जनता के बीच जायेंगे। दिल्ली विधानसभा की रजत जयंती मनाने के लिए समारोह का आयोजन करेंगे। 1947 में, देश को आजादी मिली और लोगों को अधिकार मिला अपनी राज्य सरकारों को चुनने के लिए। लेकिन दिल्ली के नागरिकों को आजादी नहीं है। दिल्ली के साथ ये सौतेला व्यवहार क्यों?” उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले 5 सालों में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा।
उन्होंने कहा “इस विधानसभा में, पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना ने कहा था, ‘मेरे पास एक चपरासी जितनी शक्ति भी नहीं है।’ यहां चुनी गई सरकार के पास लोगों के कल्याण के लिए निर्णय लेने की शक्ति नहीं है”।
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर भी हमले किये। उन्होंने कहा मोदी और शाह की जोड़ी देश के लिए खतरनाक है। अगर ये दोबारा सत्ता में आये तो देश का संविधान नहीं बचेगा।”
उन्होंने कहा कि “ये गलत है केंद्र सरकार राज्यपाल के माध्यम से दिल्ली पर राज करना चाहती है।” उन्होंने दावा किया कि भाजपा अगले 10 साल तक सत्ता में वापस नहीं आने जा रही है।