कांग्रेस नेता और पूर्व वित्ता मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मीडिया को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार आरोपों के खिलाफ अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि मंत्री के रूप में मेरा रिकॉर्ड और मेरा विवेक बिल्कुल स्पष्ट है। जिन अधिकारियों ने मेरे साथ काम किया है, जिन व्यवसायिक व्यक्तियों ने मेरे साथ बातचीत की है और जिन पत्रकारों ने मेरा अवलोकन किया है। वे इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं।
विकास दर वास्तव में 1.5 प्रतिशत से भी कम
पी चिदंबरम ने भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि, यदि विकास 5% को छूता है तो हम वर्ष का अंत करने के लिए भाग्यशाली होंगे। कृपया याद रखें कि डॉ अरविंद सुब्रमण्यम ने चेताया था कि इस सरकार की संदिग्ध कार्यप्रणाली के कारण 5%, वास्तव में 5% नहीं है, लेकिन लगभग 1.5% से भी कम है।
सरकार अर्थव्यवस्था की अक्षम प्रबंधक
अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर उन्होंने पीएम मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था पर असामान्य रूप से चुप है। उन्होंने इसे अपने मंत्रियों के लिए छोड़ दिया है कि वे धोखा और धमकी दें। जैसा कि अर्थशास्त्रीयों ने कहा है, शुद्ध परिणाम यह है कि सरकार अर्थव्यवस्था की, अक्षम प्रबंधक ’बन गई है।
पहला विचार और प्रार्थना कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों के लिए
पी चिदंबरम ने अपने संबोधन के दौरान कश्मीर मुद्दे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब मैंने कल रात 8 बजे खुली हवा में आजादी की सांस ली तो मेरा पहला विचार और प्रार्थना कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों के लिए थी। जिन्हें 4 अगस्त, 2019 से अपनी बुनियादी स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मैं उन कश्मीरी नेताओं के बारे में विशेष रूप से चिंतित हूं। जिन्हें आरोपों के बिना हिरासत में लिया गया है। स्वतंत्रता अविभाज्य है, अगर हमें अपनी स्वतंत्रता को संरक्षित करना चाहिए, तो हमें उनकी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए।