Fri. Nov 22nd, 2024

    कोरोना काल में दिल्ली के अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। कोरोना काल में आर्थिक तंगी झेल रहे अभिभावकों को राहत देते हुए दिल्ली सरकार ने सभी निजी स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में वसूली गई फीस में 15 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को कहा कि कोरोना काल में जब सभी अभिभावक आर्थिक तंगी से जूझ रहे है उस दौरान फीस में 15 प्रतिशत की कटौती उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी। स्कूल मैनेजमेंट अभिभावकों की आर्थिक तंगी के कारण बकाया फीस का भुगतान न करने के आधार पर स्कूल की किसी भी गतिविधि में विद्यार्थियों को भाग लेने से नहीं रोकेगा।

    15 फीसदी कटौती ऐसे होगी

    उदाहरण के लिए, यदि वित्त वर्ष 2020-21 में स्कूल की मासिक फीस 3000 रुपये रही है तो स्कूल उसमें 15 फीसदी की कटौती करने के बाद अभिभावकों से केवल 2550 रुपये ही चार्ज करेंगे।

    उपमुख्यमंत्री बोले- बड़ी राहत

    उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोरोना काल में जब सभी पैरेंट्स आर्थिक तंगी से जूझ रहे है उस दौरान फीस में 15 फीसदी की कटौती उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी। स्कूल मैनेजमेंट पैरेंट्स की आर्थिक तंगी के कारण बकाया फीस का भुगतान न करने के आधार पर स्कूल की किसी भी गतिविधि में विद्यार्थियों को भाग लेने से नहीं रोकेगा।

    हाई कोर्ट द्वारा प्राइवेट स्कूलों की फीस में 15 फीसदी की कटौती करने का आदेश कोरोना के समय में मुनाफाखोरी और व्यावसायीकरण को रोकने के लिए दिया गया है। दिल्ली सरकार का यह आदेश उन सभी 460 प्राइवेट स्कूलों के लिए है, जिन्होंने हाई कोर्ट में अपील की थी। इन 460 स्कूलों के अतिरिक्त दिल्ली के बाकी सभी स्कूल दिल्ली सरकार द्वारा फीस संबंधी जारी किए गए पुराने निर्देश का पालन करेंगे।

    स्कूल बंद हैं, नहीं वसूल सकते परिवहन शुल्क

    कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद हैं ऐसे में स्कूल परिवहन शुल्क जैसे अनिर्धारित शुल्क अभिभावकों से नहीं वसूल सकते। एक महीने की ही ट्यूशन अभिभावकों से ली जा सकेगी। स्कूल फीस नहीं चुकाने वालों का नाम बोर्ड परीक्षा से नहीं हटा सकते हैं। साथ ही फीस भरने को लेकर यदि कोई अभिभावक अपनी परेशानी बताता है तो स्कूलों को उनके प्रति सहानुभूति दिखाते हुए उन्हें सुनना होगा। इसके साथ ही यदि किसी ने फीस नहीं भरी तो उसे ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने से रोका नहीं जा सकता है। बच्चों से भेदभाव किए बिना ऑनलाइन कक्षाओं के लिए बच्चों की लॉग इन आईडी और पासवर्ड बनाया जाए।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *