राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली कांग्रेस के कई नेता अपने बच्चों और रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं। करीब एक दर्जन नेताओं ने पार्टी से अपने बेटों और बेटियों को टिकट देने के लिए कहा है। सूत्रों का कहना है कि कई नेताओं ने अपने बच्चों के लिए टिकट की मांग की है, लेकिन आलाकमान चाहता है कि वे खुद चुनाव लड़ें।
पार्टी मजबूत उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारना चाहती है। पार्टी नहीं चाहती कि आम जनता व कार्यकर्ताओं के बीच ऐसा कोई संदेश जाए, जिससे लगे कि कांग्रेस के पास मजबूत दावेदार नहीं हैं।
कांग्रेस एक-दो दिन में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।
सज्जन कुमार ने अपने बेटे के लिए टिकट की गुहार लगाई है। वहीं जे. पी. अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल भी अपने नामांकन की उम्मीद कर रहे हैं। योगानंद शास्त्री की बेटी भी अपने लिए टिकट मांग रही है।
कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में वापसी करने की कोशिश कर रही है, जहां उसने दिवंगत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में 1998 से 2013 तक लगातार 15 वर्षों तक शासन किया था।
कांग्रेस को 2015 के विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा और पार्टी शून्य पर सिमट गई। पिछले चुनाव में नवगठित आम आदमी पार्टी (आप) ने इतिहास रचते हुए दिल्ली की 70 में से 67 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को महज तीन सीटों पर संतोष करना पड़ा था।
दिल्ली में आठ फरवरी को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 11 फरवरी को होगी।