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    अरविंद केजरीवाल सरकार उपलब्धियां

    दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने तीन साल पूरे कर लिए है। पिछले तीन सालों के दौरान दिल्ली सरकार को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पडा। साल 2015 में आप पार्टी ने पांच साल केजरीवाल का नारा लगाकर दिल्ली विधानसभा चुनावों में 70 मे से 67 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। बुधवार को आप सरकार के तीन साल पूरे हो रहे है।

    आप सरकार ने कई वायदे किए थे लेकिन वो पूरे नहीं हो पाए है। सस्ते बिजली और मुफ्त पानी जैसी सुविधाएं देकर आप सरकार ने साबित कर दिया कि राजनीतिक इच्छाशक्ति व योजनाओं का क्रियान्वन हो तो सब संभव है। हालांकि सरकार ने प्रदूषण को रोकने और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने में थोडी कमी दिखाई है।

    दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए केजरीवाल ने ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया था। लेकिन वो ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पाया। राज्य में स्वयं का बिजली संयंत्र स्थापित करना और लोगों को उनके बिजली सप्लायर का विकल्प देना जैसे वायदे पूरे नहीं हुए है।

    आइए पिछले तीन वर्षों में आप सरकार की सफलताओं और विफलताओं पर एक नजर डाले-

    पर्यावरण और सार्वजनिक परिवहन

    दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए पहली बार ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया। विशेषज्ञों ने इसे अल्पकालिक उपाय बताया। प्रदूषण से निपटने के लिए अन्य सुझाव जैसे बादल-सीडिंग और हेलिकॉप्टरों से पानी छिड़कने को अनावश्यक माना गया। पर्यावरणविद् के मुताबिक वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई केवल अस्थायी थी। केजरीवाल सरकार प्रदूषण को रोकने में सफल नहीं रही।

    इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन की बात की जाए तो सरकार ने इस वर्ष के अंत तक 3,000 नई बसों को चलाने का वादा किया है जिसमें 2,000 गैर-एसी मानक मंजिल बसे और 1000 विद्युत बस शामिल है। लेकिन दिसंबर तक 10000 बसों वाला लक्ष्य पूरा होते नहीं दिख रहा है।

    स्वास्थ्य

    केजरीवाल सरकार की मोहल्ला क्लिनिक स्कीम को संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान और विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्व निदेशक जनरल ग्रो हार्लेम ब्रंडलैंड ने काफी शानदार बताया था। सरकार ने हर 5 किमी के दायर में एक क्लिनिक बनाने की योजना बनाई थी।

    कुल 1000 क्लीनिकों में से अब तक 160 क्लिनिक ही चल रहे है। सरकार ने निजी केंद्रों पर नि: शुल्क सर्जरी और रेडियो निदान परीक्षण भी उपलब्ध कराए है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में इलाज में समय भी ज्यादा लगता है।

    सड़क और बुनियादी ढांचा

    विभिन्न विशेषज्ञों का मानना है कि आप सरकार 10 सड़कों को दोबारा डिजाइन करने और पैदल लने वालों व साइकिल चालकों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने मे सफल नहीं हो पाई है। हालांकि सरकार ने इसे जल्द ही पूरा करने का आश्वासन दिया है। खराब सडकों को सुधारने पर भी सरकार ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रही है।

    ई-गवर्नेस (शासन)

    दिल्ली में ई-जिला सेवाएं शुरू हो चुकी है लेकिन आवेदकों को दस्तावेजों के सत्यापन के लिए कार्यालय का दौरा करना जरूरी है। अधिकतर सरकारी कामकाजों को ऑनलाइन कर दिया गया है।

    लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी से वो अब भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते है। मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से भी सरकार द्वारा मोहल्ला और वार्ड स्तर पर नागरिक कार्यों को पूरा करने की कोशिश की जाएगी।

    शिक्षा

    केजरीवाल सरकार ने साल 2017-18 के बजट में 11,300 करोड़ रुपये, अपने बजट का लगभग एक चौथाई हिस्सा शिक्षा के लिए आवंटित किया था। 10,000 नई कक्षाओं और 400 नए पुस्तकालयों सहित अन्य चीजों के लिए सरकार ने फंड जारी किया था।

    शिक्षा के क्षेत्र मे केजरीवाल सरकार ने काफी प्रगति की है। शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जा रहा है। छात्रों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी महत्व दिया जा रहा है।

    पानी व यमुना

    दिल्ली सरकार कच्ची बस्तियों में निःशुल्क जल पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है। जलों के संरक्षण पर भी सरकार द्वारा ध्यान दिया जा रहा है। खुद सीएम केजरीवाल जल संबंधी परियोजनाओं व कॉलोनियों में पानी पहुंचने की निगरानी कर रहे है। इसके अलावा सीवर लाइनो को भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।

    एनजीटी द्वारा निर्धारित एक स्पष्ट रूपरेखा के बावजूद राज्य प्रदूषण या यमुना के बाढ़ के मैदानों की सुरक्षा के संबंध में किसी भी दिशा निर्देश को लागू करने में विफल हो गया है। यमुना नदी के लिए केजरीवाल सराकर ने ठोस कदम नहीं उठाए है।