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    वायु प्रदूषण

    दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सुप्रीम्र कोर्ट और EPCA दिल्ली और एनसीआर में चल रहे सभी डीजल और पेट्रोल वाले वाहनों को बैन करने की योजना बना रहा है।

    सूत्रों की माने तो सुप्रीम कोर्ट ने Environment Protection Control Authority (EPCA) को इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में कोई कठोर कदम उठाने का निर्देश दिया है। दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है, और दिल्ली की हवा की बिगड़ती हालत गंभीर चिंता का विषय है। इन्ही बातो को ध्यान में रखते हुए अब EPCA ने दिल्ली की सड़को से सीएनजी के अलावा अन्य इंधनो से चलने वाले वाहनों को पूर्णतः बैन करने की योजना बना रहा है।

    EPCA के प्रमुख भूरे लाल ने दिल्ली हरियाणा और उत्तरप्रदेश की सरकारो को पत्र लिखकर कहा कि सभी वाहनों पर ईंधन सूचक स्ट्रीकर अनिवार्य होने चाहिए ताकी सीएनजी से चलने वाले और बाकि वाहनों में फर्क पहचाना जा सके।

    अपने पत्र में उन्होंने यह भी लिखा कि दिल्ली की हवा की गुणवक्ता अपने न्यूनतम स्तर पर है। और अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो सीएनजी के अलावा अन्य इंधनो से चलने वाले सभी व्यावसायिक या निजी वाहनों को पूरी तरह से बैन कर दिया जायेगा।

    हालाँकि अभी भी सीएनजी वाहनों पर स्टीकर लगाए जाते है और दिल्ली में अधिकतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सीएनजी से ही चलाये जाते हैं इसलिये इन वाहनों की सेवाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

    यह दूसरी बार है कि लाल ने दिल्ली में वनो से हो रहे प्रदूषण का मुद्दा उठाया है।

    लाल ने इस मुद्दे को 31 अक्टूबर को ही उठाया था लेकिन लोगो और बुद्धिजीवियो का कहना था कि दिल्ली में प्रदूषण का कारण वाहनों से ज्यादा पंजाब और हरियाणा में कृषि अवशेषो का जलना है, इसके अलावा कई और भी अन्य कारण हैं। दिल्ली में अभी Air Quality Index (AQI) बेहद ख़राब स्तर पर है। पीएम 10 का स्तर 286 और पीएम 2.5 का स्तर 373 दिल्ली के लोधी रोड इलाके में दर्ज़ किया गया।

    इस खबर को अंग्रेजी में यहाँ पढ़ें

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