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    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

    सरकार के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार आज लगातार चौथे दिन भी दिल्ली में प्रदुषण ‘सीवियर’ अर्थात ‘गंभीर’ स्तर पर है।

    इसके साथ ही आपको बता दे की दिल्ली में पिछले दो दिनों में प्रदुषण ने इस साल के सबसे उच्चतम स्तर को छूआ है। इसके बाद जानकारी मिली थी की मंगलवार को इसके हालत सुधरेंगे लेकिन अभी तक वातावरण में हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं आया है।

    दिल्ली में वायु प्रदुषण के आंकड़े :

    सरकार के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों ने अभी वायु गुणवत्ता सूचकांक ज़ारी किया है, जो जहरीले कण पदार्थ की एकाग्रता को मापता है, रिपोर्ट्स के अनिउसार यह सोमवार को औसतन 449 रहा, जोकि रविवार के 450 अंक से थोड़ा ही बेहतर था। बताया जा रहा है की दिल्ली में रविवार को प्रदुषण ने इस साल का सबसे उच्चतम स्तर को छूया है।

    मंगलवार को इन आसारों के ठीक होने की आशा थी लेकिन कोई सुधार देखने को नहीं मिला है।

    प्रदुषण को रोकने के लिए पहल :

    दिल्ली शहर में वायु गुणवत्ता जब ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंची तो इसके मद्देनजर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकार (ईपीसीए) ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के छह औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों और निर्माण कार्य पर बुधवार तक रोक लगा दी थी।

    उन्होंने यह हवा की गुणवता को और खराब होने से रोकने के लिए किया गया था। लेकिन इसके बावजूद वातावरण में कोई सुधार नहीं देखने को मिला।

    केजरीवाल का बयान :

    केजरीवाल ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा की यदि इन हालातों में ओड इवन स्कीम की ज़रुरत पड़ी तो वे निश्चित तौर पर ऐसा करेंगे। प्रदुषण को रोकने के लिए हम सबको अपनी अपनी भूमिका निभानी होगी तभी यह कम हो पायेगा।

    उन्होंने यह भी कहा की दिल्ली सरकार प्रदुषण की रोकथाम के लिए कई कदम उठा रही है। हमने बड़ी संख्या में पोधे लगाने के विभिन्न अभियान चलाये हैं। इसके साथ सरकार नें शीघ्र ही 3000 बस खरीदने का फैसला लिया है। हाल ही में हमने मेट्रो के एक बड़े प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी है। प्रदुषण की जल्द से जल्द रोकथाम के लिए हम भरसक प्रयास कर रहे हैं।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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