दिल्ली में एक अदालत ने अवमानना के एक मामले में जमानत लेने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 13 दिसंबर से पहले व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने मामले की सुनवाई 13 दिसंबर को तय करते हुए कहा, “यह गौर करने वाली बात है कि आरोपी ने अभी तक जमानत नहीं ली है।
इस प्रकार मामले को अग्रिम जमानत बॉन्ड भरने के साथ-साथ अनुच्छेद 251 सीआरपीसी के अंतर्गत औपचारिक नोटिस के लिए स्थगित किया गया है। आरोपी को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया जाता है।”
कोर्ट ने विकास सांकृत्यायन द्वारा दायर अवमानना मामले में सुनवाई कर रहा था। विकास ने दावा किया था कि जर्मनी में रहने वाले ध्रुव राठी ने छह मई, 2018 को ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2’ शीर्षक का एक यूट्यूब वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसमें कई झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए थे।
सांकृत्यायन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने वीडियो की सत्यता जांचे बगैर अपने आधिकारिक ट्विटर खाते से उस ट्वीट को रीट्वीट किया था।
शिकायत में कहा गया है, “शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वीडियो में उनके खिलाफ लगाए गए अरोप झूठे, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक हैं और इससे समाज के दक्षिणपंथी सदस्यों की नजर में उनकी छवि बिगड़ी है। इन आरोपों के पक्ष में अभी तक कोई सबूत नहीं दिया गया है।”
उन्होंने कहा कि चूंकि केजरीवाल को करोड़ों लोग फॉलो करते हैं, जिसके कारण वीडियो को भारत समेत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में देखा गया है।