दिनेश कार्तिक न्यूजीलैंड के खिलाफ हैमिल्टन में खेले गए अंतिम टी-20 मैच में निदाहस ट्रॉफी फाइनल के कारनामें को दोहराने के बेहद करीब थे। भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल मैच जीतने के लिए 213 रन की जरूरत थी लेकिन टीम को 4 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में भारत की टीम को आखिरी ओवर में 16 रन की दरकार थी, जिसमें आखिरी ओवर की तीसरी गेंद में कार्तिक ने क्रुणाल पांड्या को सिंगल देने से मना कर दिया जहां वह यह सोच रहे थे की वह छक्का लगा सकते है। लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहे और भारत की टीम को मैच में 4 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में कार्तिक ने 16 गेंदो में 33 रन की नाबाद पारी खेली थी।
मैच की बात करते हुए, कार्तिक ने पीटीआई से कहा उन्होने खुद से छक्का मारने के लिए खुद को सहारा दिया था। ” मुझे लगता है क्रुणाल और मैंने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की क्योंकि एक परिस्थिति में टीम के 145/6 विकेट थे। हम मैच को वहा तक लेकर गए जहां हम गेंदबाजो पर दबाव बना सके। हमने अपना काम करने के लिए खुद का समर्थन किया। और जहां तक सिंगल ना लेने की बात आती है मुझे वास्तव में खुद पर विश्वास था कि मैं छक्का लगा सकता हूं।”
इतने तनावपूर्ण क्षण में क्रुणाल पांड्या इस मैच में उनके साथ दूसरे छोड़ से जोड़ीदार बने हुए थे और उन्होने 200 की स्ट्राइक रैट के साथ 13 गेंदो में 26 रन की नाबाद पारी खेली थी।
कार्तिक ने अपनी टीम को गेम जीतने में मदद करने में अपनी असफलता पर भी कहा था। “एक मध्य-क्रम के बल्लेबाज के रूप में, कई बार आपको दबाव में उन बड़े शॉट्स को खेलने की अपनी क्षमता पर भरोसा करना पड़ता है। उस समय अपने साथी पर भरोसा करना भी महत्वपूर्ण होता है। यह उस मौके पर नहीं आया लेकिन उन चीजों से होता है। क्रिकेट के खेल में।”
कार्तिक के बल्ले से अच्छे रन उन्हें विश्व कप के लिए भारतीय टीम में शामिल करने का मौका देती है। अपनी टीम को मैच ना जीतवाने पर उनको सोशल मीडिया पर भी कई आलोचनाए सुनने को मिली थी। अगर वह विश्वकप की टीम में शामिल होते है तो वह 2007 विश्वकप के बाद अपना दूसरा विश्वकप खेलेंगे।
कार्तिक ने 15 साल पहले अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था और उन्होने अबतक भारत के लिए केवल 26 टेस्ट, 91 एकदिवसीय और 30 टी-20 मैच खेले है।