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    दस्त में केला

    कब्ज़ एक ऐसी समस्या जो शरीर में कई अन्य समस्याओं का कारण बनती है। अक्सर लोग विभिन्न प्रकार की दवाइयों में इसका इलाज ढूँढ़ते हैं लेकिन इसका असली और उपयोगी इलाज घरेलू नुस्खों में होता है। लोग अकसर कब्ज और दस्त में केला खाने की सलाह देते हैं।

    आप क्या खाते हैं इसका सही चुनाव करना अतिआवश्यक होता है। इसलिए कोशिश करें कि आप सही चीजें ही खाएं। केले में कई ऐसे गुण होते हैं जो कब्ज़ या दस्त से राहत दिलाते हैं।

    विषय-सूचि

    दस्त के कारण

    • आहार में फाइबर की कमी
    • डिहाइड्रेशन
    • व्यायाम और शारीरिक परिश्रम नहीं करना
    • डाइटिंग और कैलोरीज का कम सेवन
    • ऐसी दवाइयों का सेवन जिनसे कब्ज़ होने की आशंका होती है
    • डेरी पदार्थों का अत्यधिक सेवन

    दस्त में केला कैसे होता है लाभकारी?

    केले में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पाचन में अत्यधिक लाभकारी होता है। इसमें अघुलनशील फाइबर होती है जो कब्ज़ दूर करने में सहायक होती है।

    केले को प्रतिदिन प्रतिदिन अपने आहार में शामिल करने से ये आपके लिए प्राकृतिक इलाज बन जाते हैं। आइये जानते हैं कि केले कब्ज़ में किस प्रकार राहत देते हैं।

    • केले डाइटरी फाइबर का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं। एक मध्यम आकार के केले से आपको लगभग 3 ग्राम फाइबर मिलती है जो आपके रोज़ की आवश्यकता का 10% होती है। यह फाइबर कब्ज़ से राहत देती है लेकिन केले का सेवन करते समय आपको अपने द्वारा ली जाने वाली जल की मात्रा में वृद्धि करनी होती है। इससे आपके पेट की सफाई हो जाती है।
    • केले का आपके शरीर पर कैसे असर होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के केले का सेवन कर रहे हैं। कच्चे केले खाने से कब्ज़ की समस्या बढ़ जाती है क्योंकि इसमें स्टार्च की मात्रा अधिक होती है। दूसरी ओर, पके हुए केले निश्चित मात्रा में पानी के सेवन के साथ करने से पेट आसानी से साफ़ हो जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि पके हुए केले अत्यधिक मात्रा में नहीं लें।
    • केले में पोटैशियम भी होता है जो कब्ज़ से निजात पाने के लिए उपयोगी पोषक तत्व होता है। ये आपके बोवेल मूवमेंट को सुधारता है जिससे आपके शरीर से विषैले पदार्थ निकल जाते हैं।
    • इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य को अनेक लाभ देते हैं। इसमें फ्रुक्टोओलिगोसैकराइड नामक एंजाइम होता है जो कब्ज़ के निवारण में लाभदायक होता है। ये आपके शरीर की पाचन व्यवस्था सुधारता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
    • केले में पेक्टिन नामक काम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट होता है जो मल को बांधे रखने में मदद करता है। ये आपके पाचन में गड़बड़ी पैदा कर सकता है लेकिन पके हुए केले में ईथीलीन गैस का उत्पादन होता है जो पेक्टिनस नामक एंजाइम का उत्पादन करके पेक्टिन को तोड़ने में मदद करता है। ये केले को मुलायम बना देता है जिससे वो शरीर में आसानी से पच जाता है।

    दस्त में केला कैसे इस्तेमाल करें?

    विधि 1:

    • एक पके हुए केले को छीलकर खा लें
    • दिन में थोड़ी देर के अंतराल पर 2-3 केले खाएं जिससे आपके पेट को आराम मिलेगा। केले खाने की शुरुआत नाश्ते से करें।
    • कब्ज़ के निवारण के लिए इसे अपना नियम बना लें

    विधि 2:

    • पके हुए केले को छील लें
    • इसके टुकड़े कर लें और इसे गर्म दूध में डाल लें
    • इस दूध को पी लें और केले के टुकड़ों को अच्छी तरह चबा कर खा लें
    • इसका नियमित रूप से सेवन करने से आपको लाभ होगा

    विधि 3:

    • एक केले के टुकड़े कर लें
    • इसे ब्लेंडर में डालकर पीस लें और इसमें 1 कप दूध डाल लें
    • यदि आपको अधिक मिठास की आवश्यकता है तो इसमें शहद डाल लें
    • इसे अच्छी तरह ब्लेंड करके इसका सेवन कर लें
    13 thoughts on “कब्ज या दस्त में केला खाना चाहिए या नहीं?”
    1. क्या दस्त में केला और दही खा सकते हैं?

      1. आप दस्त में केला और दही खा सकते हैं। केला और दही खाने से दस्त जल्दी ठीक हो जाएंगे।

    2. केले से कब्ज में क्या फायदा होता है?

      1. केला दस्त के दौरान मल को ठोस बनाने में मदद करता है, जिससे कब्ज आदि से आराम मिलता है. इसके लिए आप नियमित रूप से सुबह केला खाएं.

      2. केले में फाइबर होता है यह पाचन को। अतः केले की वजह से हमें कई फायदे होते हैं एवं यह हमारे पाचन को ठीक रखता है। लेकिन हमें कच्चे केले नहीं खाने चाहिए क्योंकि इनसे हमारे पेट में दर्द हो सकता है।

    3. दही केला दस्त में खाने से आराम मिल जता है क्या?

    4. dast ke samay hamen pake hue kele khaane chaahiye yaa kachche ? zyaada faaydemand kachchaa hotaa hai yaa pakaa

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