दशहरे के त्योहार के ठीक एक दिन बाद ही देश की राजधानी दिल्ली की हवा की हालत प्रदूषण बढ़ जाने से पतली हो गयी है।
दशहरा के ठीक अगले ही दिन दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) रिकॉर्ड 337 अंक दर्ज़ किया गया है, जो बेहद खराब रिकॉर्ड है। इसी के साथ दिल्ली ने प्रदूषण के मामले में इस सीजन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ये आंकड़ें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किए हैं।
दिल्ली में 31 स्थान ऐसे चिन्हित हुए हैं जहाँ पर प्रदूषण के मामले में स्थिति बहुत ही गंभीर मिली है। इसमें द्वारका सेक्टर 8 व मथुरा रोड में AQI का स्तर क्रमशः 414 व 402 अंक मिला है। इसी के साथ आनंद विहार, नेहरू नगर और रोहिणी जैसे इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही है।
बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार आने वाले दिनों में दिवाली के पटाखों के धुए, आस-आस के जिलों में किसानों द्वारा पराली का जलाना व हवा की धीमी रफ्तार की वजह से प्रदूषण में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
इसी के साथ पर्यावरण में पीएम 2.5 कण भी अधिक मात्र में पाये गए हैं। पीएम 2.5 का मतलब होता है कि हवा में घुले प्रदूषण के वो कण जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम हो। ये कण सेहत के लिए बहुत हानिकरक होते हैं।
AQI के मामले में 0 से 50 अंक का आंकड़ा अच्छा माना जाता है, 51 से 100 का आंकड़ा संतोष जनक माना जाता है, 101 से 200 का आँकड़ा माध्यम श्रेणी का माना जाता है, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब व 401 से 500 का आँकड़ा गंभीर प्रदूषण की श्रेणी में आता है।
दिल्ली के साथ ही अब उत्तर भारत के प्रमुख शहरों जैसे कानपुर व लखनऊ की सूरत भी प्रदूषण के मामले में बिगड़ने लगी है। माना जा रहा है कि दिवाली के बाद प्रदूषण के मामले में उत्तर भारत व खास कर दिल्ली एनसीआर के इलाके में गज़ब का प्रदूषण देखने को मिलेगा।