आमिर खान की फिल्म “तारे ज़मीन पर” को रिलीज़ हुए एक दशक से ज्यादा हो गया मगर दर्शील सफारी जिन्होंने फिल्म में आमिर के साथ अहम किरदार निभाया था, उन्हें आज भी उनके किरदार ईशान अवस्थी के नाम से पहचाना जाता है। उनके संघर्षशील डिस्लेक्सिक बच्चे के किरदार ने ना केवल सभी का दिल जीता बल्कि सभी को उनकी प्रतिभा का अंदाज़ा भी हुआ।
और 12 साल बाद भी, सफारी का कहना है कि अगर 30 साल बाद भी उन्हें ईशान बुलाया जाये तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। ज़ूमटीवी से बात करते हुए, उन्होंने कहा-“वे आज भी मुझे ईशान के रूप में याद करते हैं। मैं इस स्थिति पर 20 या 30 साल बाद भी बुरा नहीं मानूंगा। हमारे जीवन पर इसका जिस तरह का प्रभाव पड़ा है इसने मुझे वास्तव में खुश रखा है।”
उन्होंने आगे कहा-“यही योजना है। मैं फिल्मों के लिए कहानी-उन्मुख दृष्टिकोण करना चाहता हूँ, ताकी मैं और ज्यादा इए किरदार निभा सकूँ जैसा मैंने 12 साल पहले निभाया था जहाँ लोगों को लगता है कि ये अभी भी ताज़ी फिल्म है। बहुत अच्छा अहसास होता है जब लोग मुझे उस किरदार के रूप में याद करते हैं और मैंने और भी ज्यादा ऐसे किरदार करना चाहता हूँ जिससे लोग मुझे याद कर सकें।”
डेब्यू फिल्म के बाद, वह प्रियदर्शन की ‘बम बम बोले’, सत्यजीत भटकल की ‘ज़ोक्कोमों’ और दीपा मेहता की ‘मिडनाईट चिल्ड्रेन’ में दिखाई दिए थे। बड़े स्क्रीन के बाद, वह टीवी रियलिटी शो ‘झलक दिखला जा’ में भी नज़र आये थे। अपने सफ़र के ऊपर बात करते हुए, सफारी ने कहा-
उन्होंने नाटक ‘कैन आई हेल्प यू’, ‘टू अडोरेबल लूज़र’ और हाल ही में आये ‘कैसे करेंगे’ में काम किया है जिनकी कहानियां और सफारी के प्रदर्शन को बहुत सराहा गया था।
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