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    सूडान के राष्ट्रपति

    सूडान के राष्ट्रपति ओमर अल बशीर पर तीन पश्चिमी राष्ट्रों ने राजनीतिक परिवर्तन का दबाव बनाया है। बीते हफ्तों से राष्ट्रपति के खिलाफ समस्त देश में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। बशीर ने 30 वर्ष सूडान पर हुकूमत की है लेकिन बीते दिसंबर से समस्त राष्ट्र में उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन जारी है।

    प्रदर्शन से हालात नाजुक

    हज़ारो प्रदर्शनकारियों ने देश की राजधानी की सड़कों पर और गाँवों में राष्ट्रपति को सत्ता से हटाने के नारे लगाए हैं। देश के दिग्गज नेता पर मुल्क की आर्थिक सेहत बिगाड़ने का आरोप है। लेकिन शनिवार को प्रदर्शन अपने चरम पर था जब सेना के मुखलाया के बाहर प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले के दागे गए थे।

    मंगलवार को राष्ट्रपति के निवास के बाहर प्रदर्शन की योजनाए भी बनायीं जा रही थी इसमें सरकार विरोधी बारे और क्रांतिकारी गीत गाये गए थे। नेशनल इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सर्विसेज एजेंट्स ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। मंगलवार को ही अमेरिका, ब्रिटेन और नॉर्वे ने अपना समर्थन प्रदर्शनकारियों को दिया था और सूडान में राजनीतिक परिवर्तन की मांग की थी।

    पश्चिमी देशों की मांग

    तीनो देशों के दूतावास ने संयुक्त बयान में कहा कि “समय आ गया है कि अब सूडानी विभागों को इन वाजिब मांगों को संजीदगी और उत्तरदायी से लिया गया था। सूडानी विभागों को राजनीतिक परिवर्तन पर प्रतिक्रिया देनी होगी।”

    मंगलवार को ही देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हस्तक्षेप न करने का आदेश दिया था। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि “हम देश की सुरक्षा और शांति व सूडानी जनता की एकता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। हम सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के समझौते का समर्थन करते हैं। हम पुलिस को आदेश देते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के मसले में हस्तक्षेप न करे।”

    प्रदर्शन का आयोजन करने वाले ने कहा कि मंगलवार को दो दफा प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया था। वहां आंसू गैस की भारी फायरिंग हुई थी जिसके बाद आर्मी ने प्रदर्शनकारियों के लिए परिसर के दरवाजे खोल दिए थे। कुछ समय बाद सैनिकों के एक समूह ने हवा में फायरिंग की और आंसू गैस  दागने वाले सुरक्षाकर्मियों को पीछे खदेड़ा।”

    सैन्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों ने सेना से आक्रमक कार्रवाई से उनकी रक्षा करने की मांग की है। मंगलवार को भीड़ को सैनिकों के साथ नारे लगाते और चिल्लाते हुए देखा था।

    रक्षा मंत्री जनरल आवड इब्नॉफ ने कहा कि “सूडान की आर्मी प्रदर्शन के कारण को समझती है और वह नागरिकों की आकांक्षाओं और मांगो के खिलाफ नहीं है लेकिन मैं देश को किसी अराजकता में नहीं  गिराना चाहता हूँ।”

    अधिकारीयों के मुताबिक इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक 38 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक अदालत ने बशीर को वांटेड घोषित कर रखा है। उन पर नरसंहार और युद्ध अपराध के आरोप है। राष्ट्रपति ने प्रदर्शन पर सख्ती से प्रतिक्रिया दी है मसलन देश में आपातकाल लगाया और प्रदर्शनकारी, विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारो को गिरफ्तार करवाया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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