जापान और वियतनाम ने रज़ामंदी जाहिर की है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को दक्षिणी चीनी सागर का मसला शांतिपूर्ण तरीके से एकजुट होकर सुलझाना होगा। जापान के रक्षा मंत्री ताकेशी इवाया और वियतनाम के समकक्षी जनरल नगो जुआन लीच ने गुरूवार को द्विपक्षीय मुलाकात की थी।
इस मुलाकात के दौरान जापानी रक्षा मंत्री ने दक्षिणी चीनी सागर की यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी प्रयासों को लेकर अफ़सोस व्यक्त किया था। उन्होंने अंतरार्ष्ट्रीय समुदाय से इसका विरोध करने का आग्रह किया है। विवादस्पद दक्षिणी सागर की पर अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है।
दक्षिणी चीनी सागर में 11 अरब बैरल तेल और 190 ट्रिलियन क्यूबिक फ़ीट प्राकृतिक गैस मौजूद है। इसके आलावा मलेशिया, फ़िलीपीन्स, ताइवान और वियतनाम ने चीन की आलोचना की है और कहा कि “बीजिंग उनके क्षेत्र का उल्लंघन कर रहा है।”
इस क्षेत्र पर दावा न होने के बावजूद अमेरिका विवादित दक्षिणी चीनी सागर पर सक्रीय रहता है। अमेरिका इस इलाके में जंगी जहाजों को भेजता है और इसके लिए कई बार चीन ने वांशिगटन को धमकी दी है कि ऐसे कदम भड़काऊ हैं।
नौसेना अभियानों के जरिये चीन ने हालिया वर्षों में दक्षिणी चीनी सागर पर अपनी गतिविधियों में काफी इजाफा किया है। क्षेत्र में शांति और स्थिरता की स्थापना के लिए दोनों पक्षों ने सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। इसमें जापान की आत्मनिर्भर सेना और वियतनाम की सेना की समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ेगा।
साथ ही दोनों नेताओं ने उत्तर कोरिया में परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए एकजुट होकर कार्य करने का निर्णय भी लिया था।हाल ही जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने बगैर किसी शर्त के उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात करने की इच्छा व्यक्त की थी। जिसका पियोंगयांग ने कोई जवाब नहीं दिया है।
हाल ही में अमेरिकी नौसैन्य जहाजों ने मनिला की सेना की जॉइंट ड्रिल में भागीदारी की थी। इसके बाद चीन ने विवादित दक्षिणी चीनी पर सक्रीय गैर तटीय राज्यों को चेतावनी दी थी।