विवादित चीनी महासागर चीन की प्रभुत्व को कम करने के लिए अमेरिका कई पैंतरे आजम रहा है। चीन ने शुक्रवार को कहा कि विवादित चीनी सागर से अमेरिकी नौसेना का विमान गुजरने का हम सख्ती से विरोध करेंगे।
विश्व की दो आर्थिक ताकतों कर मध्य समुद्री मार्ग पर अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए मतभेद बने हुए हैं। साथ ही चीन और अमेरिका ने एक -दूसरे के सामान पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है जिससे दोनों राष्ट्रों के बीच तल्खियां काफी बढ़ चुकी है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गैंग शुआँग ने कहा कि अमेरिकी जहां बिना अनुमति के चीनी जलीय इलाके में दाखिल हुए और चीन की इस मसले पर स्थिति सख्त है।चीनी सेना ने कहा कि अमेरिकी जहाजो की निगरानी करने के लिए उन्होंने अपने जहाज और विमान भेजे हैं और अमेरिका के जहाजों को जाने की चेतावनी भी दी है।
अमेरिका चीन पर आरोप लगाता रहा है कि वह अपनी सैन्य सुविधाओं के लिए छोटे चट्टानों के निर्माण कर रहा है। चीन पूरे दक्षिणी चीनी सागर पर अपना अखण्डनीय दावा मानता है।
साथ ही ब्रूनेई, मलेशिया, फिलीपीन्स और वियतनाम भी इस समुद्री मार्ग पर अपना दावा करता है। हर साल इस मार्ग से 5 ट्रिलियन व्यापार जहाज गुजरते हैं।
चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रुम्प अर्जेंटीना में आयोजित जी 20 सम्मेलन में मुलाकात करेंगे। पूरे विश्व की निगाहें इस आयोजन में इस मुलाकात पर टिकी होंगी।