दक्षिण कोरिया की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने नेता किम जोंग न के नेतृत्व में अपनी ताकत को प्रदर्शित करते हुए गुरूवार को नए हथियारों का परिक्षण किया था। प्योंगयांग के मुताबिक, यह परिक्षण दक्षिण कोरिया के सैन्य विद्रोहियों को एक सख्त चेतावनी भेजने के लिए था।
दक्षिण कोरिया को चेतावनी
एक दिन पूर्व ही उत्तर कोरिया ने समुन्द्र से दो कम मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल को लांच किया था। कोरियाई सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, मिसाइल को उत्तर कोरिया के पूर्वी तटीय शहर वोंसान के नजदीक होडो प्रायद्वीप से लांच किया गया था। इसका मकसद दक्षिण कोरिया को एक सख्त चेतावनी भेजना था, जिन्होंने अतिआधुनिक आक्रमक हथियारों की तैनाती की है और सैन्य अभ्यास को अंजाम देकर निरंतर चेतावनी देता रहता है।”
किम ने कहा कि “हम बिना रुके सुपर ताकतवर हथियार प्रणाली को विकसित करेंगे ताकि हमारे देश की सुरक्षा पर प्रत्यक्ष खतरे को हटाया जा सके, जो दक्षिण से है।” लॉन्चिंग को देखने के बाद किम ने हथियार प्रणाली पर अपनी संतुष्टता व्यक्त की थी।
हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन ने कोरियाई देशों को विभाजन करने वाले इलाके में मुलाकात की थी और इस दौरान दोनों नेताओं ने वर्किंग लेवल की बातचीत को बहाल करने पर भी सहमती व्यक्त की थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया की सरजमीं पर भी कदम रखा था।
अमेरिका ने उत्तर कोरिया से भड़काऊ कदम रोकने के आग्रह किया था और बातचीत शुरू करने का आग्रह किया था। सरकार ने कम मारक क्षमता की दो बैलिस्टिक मिसाइल को लांच किया था ताकि देश को परमाणु निरस्त्रीकरण किया जा सके।
प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिका के राज्य विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागुस ने कहा था कि “वांशिगटन मिसाइल के लोच किये जाने की रिपोर्ट से वाकिफ है और मई के बाद पहला भड़काऊ कदम है। हम अब मजीद न उकसाने का आग्रह करते हैं और सभी पक्ष यूएन सुरक्षा परिषद् के नियमों के तहत अपने कर्तव्यों का पालन करे।”