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    अमेरिका और उत्तर कोरिया के राजदूत

    दक्षिण कोरिया और अमेरिका के प्रमुख परमाणु राजदूतों ने गुरूवार को परमाणु निरस्त्रीकरण और कोरियाई पेनिनसुला में में शान्ति के बाबत चर्चा की थी। कोरियाई पेनिनसुला में शान्ति और सुरक्षा ममले के विशेष प्रतिनिधि ली डॉ हूँ और उत्तर कोरिया में अमेरिका के राजदूत स्टेफेन बेगुन ने पेनिनसुला के हालातो के मूल्याङ्कन पर टेलीफोन पर चर्चा की थी।

    बीते फरवरी हनोई में उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच वार्ता बगैर किसी समझौते के रद्द हो गयी थी। को हफ्तों पूर्व दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने वांशिगटन की यात्रा की थी और इस दौरान हनोई सम्मलेन के बाबत बातचीत की थी। इस आयोजन के बाद उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच ठप पड़ी है।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने दक्षिण कोरिया के समकक्षी से उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ भविष्य की वार्ता का आयोजन करने के लिए कहा था। किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बातचीत का सिलसिला दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने ही शुरू किया था।

    बीते वर्ष मून जे इन ने किम जोंग उन के साथ तीन बार मुलाकात की थी। हनोई सम्मेलन के बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने इमरजेंसी में डोनाल्ड ट्रम्प के साथ फ़ोन पर बातचीत की थी। दोनों पक्षों के मध्य कई मसलो मसलो पर मतभेद बरक़रार है।

    पियोंगयांग की मुताबिक, अमेरिका को परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए पहले प्रतिबंधों को आसान करना होगा जिसके लिए इस वर्ष के अंत तक की समयसीमा दी गयी है। अमेरिका के अनुसार जब तक उत्तर कोरिया पूर्ण, निरीक्षित परमाणु हथियारों को नष्ट नहीं कर देता, प्रतिबंधों से निजात देना मुमकिन नहीं है।

    हाल ही में उत्तर कोरिया ने परमाणु वार्ता के समूह में से अमेरिकी सचिव माइक पोम्पिओ को हटाने की मांग की थी। डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन दोनों नेता अपने बीच के संबंधों को काफी मधुर बताते हैं। वांशिगटन को चेतावनी देने के लिए पियोंगयांग ने हाल ही में एक परमाणु हथियार का परिक्षण किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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