भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केप टाउन में भारतीय समुदाय को सम्बोधित किया था। भीड़ को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि “इस वर्ष महात्मा गाँधी की 150 वीं वर्षगांठ का जश्न केप टाउन में मानना मेरे लिए सम्मान की बात है।”
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि “हमने इस अवसर पर महात्मा गाँधी और उनके शान्ति व अहिंसा के विचारो को श्रद्धांजलि अर्पित की है। मोहनदास करमचंद गाँधी से महात्मा गाँधी बनने तक के उनके सफर में दक्षिण अफ्रीका की भूमिका को स्मरण करना सामान्य है।”
#PresidentKovind addresses the Indian community in Cape Town; says the Indian companies in South Africa are adding value by opening new avenues of growth and creating opportunities for the local economy and society pic.twitter.com/a5soF0wfTm
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 3, 2019
बापू को प्रेरणा दक्षिण अफ्रीका से मिली
उन्होंने कहा कि “साल 1893 सेपूरे विश्व दक्षिण अफ्रीका में बिताये 21 वर्षों ने उन्हें न्याय और आज़ादी के प्रति एक सच्चे निष्ठावान के रूप में परिवर्तित कर दिया था। उनकी 150 वीं वर्षगाँठ के सम्मान में हम समस्त विश्व में जश्न की शुरुआत करेंगे। मैं इस अवसर को गाँधी की जन्म सालगिरह के जश्न के भाग के तौर पर लूँगा।”
राष्ट्रपति ने कहा कि “दोनों देशों के आज़ादी से पूर्व भारत और दक्षिण अफ्रीका में काफी समानताएं थी। हुक्मरानों के समक्ष हमारी जनता ने क्रूरता और संघर्ष का सामना किया था। वो गाँधी ही थे जिन्हे यह विचार आया था कि जब दक्षिण अफ्रीका ऐसी समस्या का सामना कर सकता है तो भारत में भी ऐसा हो सकता है। हम ऐसा भी कह सकते हैं कि भारत की आज़ादी का कुछ श्रेय दक्षिण अफ्रीका का भी है।”
रामनाथ कोविंद ने कहा कि “रंगभेद की हुकूमत के दौरान आजमाइश और संघर्ष के दौरान भारत हमेशा दक्षिण अफ्रीका की जनता के साथ खड़ा था। रोबिन द्वीप से रिहाई के बाद साल 1990 में नेल्सन मंडेला ने भारत की यात्रा की थी। उसी वर्ष भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नेल्सन मंडेला को नवाजकर हमने बेहद गौरव का अनुभव हुआ था। मंडेला को बुधवार को रोबिन द्वीप में श्रद्धांजलि अर्पित का मौका उनके समक्ष है।”
राष्ट्रपति ने कहा कि “विशाल भारतीय समुदाय का दक्षिण अफ्रीका घर है और हमें उनकी तरक्की और उपलब्धियों पर नाज है। आपमें से अधिक उस परिवार या समुदाय से हैं जो कई पीढ़ियों पहले इस खूबसूरत देश में आये और यहां के बाशिंदे बनने का निर्णय लिया था। आपमें में से कई हाल ही में पेशेवर, उद्यमी और कारोबारी बनकर यहां आये होंगे। दूरी और समय में अंतर होने के बावजूद भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकियों ने भारत को अपने दिलों के करीब रखा है।”
South Africa is home to one of the largest Indian diaspora any where in the world and we take great pride in your success and accomplishments #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 3, 2019
आर्थिक साझेदारी महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा कि “दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल राफोसा गणतंत्र दिवस 2019 के अवसर पर मुख्य अथिति के तौर पर भारत आये थे और द्विपक्षीय संबंधों का एक नया अध्याय शुरू किया था। हमारी जीवंत साझेदारी में आर्थिक सबंध काफी महत्वपूर्ण है। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय कम्पनिया इस देश की वृद्धि के लिए नए मार्ग खोल रही है। भारत की वृद्धि में भी दक्षिण अफ्रीकी कंपनियां साझेदारी कर रही है।”
भारत सरकार ने विदेशों में रह रहे भारतीय समुदाय के साथ अपने संबंधों को गहरा करने की प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने कहा कि “भारतीय समुदाय द्वारा यहां लागू स्कीम और योजनाओं का आप भी फायदा उठाये। हमने ओवरसीज सिटीजन ऑफ़ इंडिया स्कीम को लागू किया है। हम जरूरतमंद और संकटग्रस्त लोगों तक पंहुचने की भी कोशिश कर रहे हैं। बीते चार वर्षों में, विदेशों में हिंसा, प्राकर्तिक आपदा और संघर्ष से जूझ रहे 90000 लोगों को हमने रेस्क्यू किया है।”