अमेरिका का प्रशासन दक्षिणी चीनी सागर के क्षेत्र में अपने सहयोगियों को निगरानी ड्रोन बेचने की तरफ बढ़ रहा है। अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक षानहन ने कहा कि “एशिया में चीन के व्यवहार का अमेरिका ज्यादा समय तक चुपचाप बर्दाश्त नहीं करेगा।”
इन ड्रोन में ख़ुफ़िया सूचना एकत्रित करने की काबिलियत है और यह क्षेत्र में चीनी गतिविधियों को खत्म कर देगी। रक्षा सचिव ने शनिवार को सिंगापुर में आयोजित सालाना शांगरी ला वार्ता में कहा कि कुछ देश क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन अमेरिका चीन के बर्ताव को नज़रअंदाज़ नहीं करेगा।
पेंटागन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह 34 स्कैनईगल ड्रोनों को मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपीन्स और वियतनाम को बेच रहा है और इनकी अनुमानित कीमत 4.7 करोड़ डॉलर है और इसका निर्माण बोइंग कंपनी ने किया है। चीन समूचे दक्षिणी चीनी सागर पर अपना दावा ठोकता है और अमेरिका व उसके सहयोगीय द्वारा चीनी अधिग्रहित द्वीपों के नजदीक नौचालन अभियान करने के लिए धमका भी चुका है। ब्रूनेई, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपीन्स, ताइवान और वियतनाम भी रणनीतिक दक्षिणी चीनी सागर पर अपना अधिकार मानते हैं।
पेंटागन ने शुक्रवार की सेल में स्पेयर और रिपेयर पार्ट, सहयोगी उपकरण, औजार, प्रशिक्षण और तकनीकी सुविधाएँ और उपकरणों पर कार्य मार्च 2022 तक पूरा हो जायेगा। 12 गैर हथियार ड्रोन और उपकरणों को मलेशिया भेजा जायेगा जिसकी कीमत 190 लाख है। विश्व की सर्वधिक मुस्लिम जनसँख्या वाले देश इंडोनेशिया आठ ड्रोनों को खरीदेगा और फिलीपीन्स आठ व वियतनाम छह ड्रोनों को खरीदेगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने काफी लम्बे इंतज़ार के बाद अमेरिकी हथियार निर्यात नीति में परिवर्तन था जिसका मकसद सेल को बढ़ाना है। उनके मुताबिक, इससे अमेरिकी रक्षा विभाग में वृद्धि होगी और रोजगार का सृजन होगा। इस पहले ने दर्ज़नो अन्य सहयोगियों और साझेदारों को अमेरिका के ड्रोन को निर्यात करने की नियमो को आसान कर दिया था। बोयेंग ने आरक्यू-21ए ब्लैकजैक को भी बनाया था और इसका इस्तेमाल अमेरिका की नौसेना और समुंद्री सैनिक करते हैं।