अमेरिका की सेना ने बयान जारी कर बताया कि उनके एक युद्धपोत ने विवादित दक्षिणी चीनी सागर के करीब स्कारबोरो इलाके में रविवार को नौचालन किया था। अमेरिका का यह कदम चीन को क्रोधित कर सकता है वो भी जब दो आर्थिक महाशक्तियों के बीच व्यापार द्वन्द जारी है।
अमेरिका और चीन के रिश्तो में तनाव की वजह यह व्यस्त जलमार्ग भी है और इसके आलावा व्यापार युद्ध, अमेरिकी प्रतिबन्ध और ताइवान भी है। अमेरिका के साथ व्यापार जंग पर चीन ने शुक्रवार को अधिक आक्रमक रूस का मुजायरा किया था। बीजिंग ने अमेरिका पर प्रतिकार में अधिक अतिरिक्त शुल्क लगाया था।
अमेरिका के सैन्य प्रवक्ता कमांडर क्ले दोस ने रायटर्स से कहा कि अमेरिका के विध्वंशक जहाज ने इस अभियान को अंजाम दिया था। युद्धपोत ने स्कारबोरो चट्टान के 12 नॉटिकल मील तक अत्यधिक समुंद्री दावों को चुनौती देने के लिए संचालन किया था और अंतर्राष्ट्रीय कानून के शासन के तहत जलमार्ग पर पहुंच का संरक्षण किया था।”
बीते माह के बाद दूसरी बार अमेरिका के सेना ने दक्षिणी चीनी सागर में अभियान किया है। बुधवार को अमेरिकी नौसेना के प्रमुख ने कहा कि “विवादित दक्षिणी चीनी सागर में स्वतंत्र नौचालन अभियानों ने हक़ से अधिक ध्यान आकर्षित किया है। अमेरिका सेना का दावा है कि उनके अभियान समस्त विश्व में होते हैं इसमें उनके सहयोगी भी शामिल है और यह राजनीतिक विचारधाराओं से अलहदा है।”
वांशिगटन के मुताबिक बीजिंग रणनीतिक जल में स्वतंत्र नौचालन को सीमित करने का प्रयास कर रहा है और यह अभियान चीन की विस्तारवादी नीति को चुनौती देने के लिए हैं। इस जल पर चीनी, जापानी और अन्य दक्षिणपूर्वी एशियाई नौसेना संचालन करती है।
चीन समस्त रणनीतिक दक्षिणी चीनी सागर पर दावा करता है और उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगियों को चीनी नियंत्रित द्वीपों के नजदीक नौसैन्य अभियान करने के लिए चेताया था। इस विवादस्पद क्षेत्र पर ब्रूनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फ़िलीपीन्स, ताइवान और वियतनाम भी अपना दावा ठोकता है।
वांशिगटन ने बीजिंग पर आरोप लगाया कि वह कृत्रिम द्वीपों और चट्टानों पर सैन्य ठिकानों का निर्माण कर सैन्यकरण कर रहा है। चीन ने अपने निर्माण कार्य का बचाव किया और कहा कि यह आत्मरक्षा के लिए जरुरी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में युद्धपोत और सैन्य विमानों को भेजकर अमेरिका ने तनाव को बढ़ाया है। बीते आह बीजिंग ने कहा कि नौचालन की स्वतंत्रता का इस्तेमाल किसी अन्य राष्ट्र के अधिकारों को नुकसान पंहुचाने के लिए नहीं होना चाहिए।