Sun. Nov 24th, 2024
    दक्षिणी चीनी सागर

    दक्षिणी चीनी सागर पर तनावग्रस्त हालत के कारण ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस ने गुरूवार को चिंता व्यक्त की है। एक दिन पूर्व ही अमेरिकी युद्धपोत ने दो द्वीपों तक 12 नॉटिकल मील तक नौचालन किया था। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने तीनो मुल्को के संयुक्त बयान को को जारी किया कि “हम दक्षिणी चीन सागर की स्थिति को लेकर चिंतित है जो इलाके में अस्थिरता और असुरक्षा का माहौल उत्पन्न करेगा।”

    तीनो मुल्को ने  कहा कि क्षेत्र के तटीय इलाको के राज्यों को तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए और और शान्ति, सुरक्षा, स्थिरता को क्षेत्र में बरक़रार रखने और प्रचार करने के लिए योगदान देना चाहिए। अपने जलीय क्षेत्र में तटीय राज्यों के अधिकारों और नौवहन की आज़ादी और अधिकार भी इसमें शामिल है।

    दक्षिणी चीनी सागर सहित सभी सगरो और समुद्रो में कानूनी ढांचे के तहत सभी गतिविधियों होनी चाहिए और जो मेरीटाइम डोमेन में राष्ट्रीय, वैश्विक व क्षेत्रीय सहयोग का आधार मुहैया करे। अमेरिका की नौसेना ने बुधवार को दक्षिणी चीन सागर में 12 नॉटिकल मील तक नौवहन किया था और इसे नौवहन की आज़ादी करार दिया था।

    दक्षिणी चीनी सागर पर अधिकतर द्वीपों पर चीन का नियंत्रण है लेकिन कई अन्य देश भी इस पर अपना दावा करते हैं। चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह क्षेत्र में तनाव को बढाने की कोशिश कर रहा है।

    फ़िलीपीन्स के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने बीजिंग को पाग सागा द्वीप पर मुल्क के खिलाफ उत्तेजक कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी क्योंकि इस द्वीप के नजदीक 100 चीनी नावों को देखा गया था जो काफी समय से मौजूद थी और नाव चालकों के समक्ष हथियार भी थे।

    फ़िलीपीन्स, ब्रूनेई, मलेशिया, ताइवान और विएतनाम शामिल है। इस सभी में से विवादित सागर पर सबसे अधिक मौजूदगी चीन की है। इस क्षेत्र पर दावा न होने के बावजूद अमेरिका विवादित दक्षिणी चीनी सागर पर सक्रीय रहता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *