फिलीपीन्स के राष्ट्रपति के प्रवक्ता साल्वाडोर पनेलो ने चीन को विवादित दक्षिणी चीनी सागर में कोई उत्तेजक कार्रवाई करने से इंकार किया है जो मछुवारो की जान को खतरे में डाले और यह भड़काऊ कार्रवाई फिलीपीन्स और चीन के बीच सकारात्मक संबंधों को खतरे में डाल देगा।
दक्षिणी चीनी सागर विवाद
हाल ही में अमेरिकी नौसैन्य जहाजों ने मनिला की सेना की जॉइंट ड्रिल में भागीदारी की थी। इसके बाद चीन ने विवादित दक्षिणी चीनी पर सक्रीय गैर तटीय राज्यों को चेतावनी दी थी। ड्रिल के तहत दोनों ने संयुक्त अभियान का प्रयास किया था। इसका मकसद काल्पनिक विदेशी सेना द्वारा कब्ज़ा किये गए छोटे द्वीप पर दोबारा नियंत्रण करना है।
इससे पूर्व फ़िलीपीन्स के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने बीजिंग को पाग सागा द्वीप पर मुल्क के खिलाफ उत्तेजक कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी क्योंकि इस द्वीप के नजदीक 100 चीनी नावों को देखा गया था जो काफी समय से मौजूद थी और नाव चालकों के समक्ष हथियार भी थे।
फ़िलीपीन्स की कार्रवाई
राष्ट्रपति ने कबूल किया कि चीन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई उनके देश के लिए विनाशकारी हो सकता है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने सैनिकों को खुदखुशी के अभियान के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं। दक्षिणी चीनी सागर की सम्प्रभुता पर कई राष्ट्र अपने अधिकार का दावा करते हैं।
इस देशों में चीन, फ़िलीपीन्स, ब्रूनेई, मलेशिया, ताइवान और विएतनाम शामिल है। इस सभी में से विवादित सागर पर सबसे अधिक मौजूदगी चीन की है। इस क्षेत्र पर दावा न होने के बावजूद अमेरिका विवादित दक्षिणी चीनी सागर पर सक्रीय रहता है। अमेरिका इस इलाके में जंगी जहाजों को भेजता है और इसके लिए कई बार चीन ने वांशिगटन को धमकी दी है कि ऐसे कदम भड़काऊ हैं।
फ़िलीपीन्स के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया था कि “विवादित दक्षिणी चीनी सागर में मैला द्वारा आधिपत्य द्वीप के नजदीक चीन की 200 से अधिक नाव उपस्थित थी, इस पर फ़िलीपीन्स ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक विरोध व्यक्त किया है।” राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे के चीन के साथ साल 2016 से मधुर सम्बन्ध है, इसके बदले चीन ने अरबो डॉलर के कर्ज व निवेश का संकल्प लिया था।