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    कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में तेजी से थोक महंगाई पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 10.49 फीसद के अब तक के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। इसके साथ ही लो बेस इफेक्ट का असर भी अप्रैल की महंगाई दर के आंकड़े पर देखने को मिला है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अप्रैल में थोक महंगाई दर (-) 1.57 फीसद पर रही थी। इस साल मार्च में थोक महंगाई दर 7.39 फीसद पर रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से कहा गया है, ”अप्रैल, 2021 में डब्ल्यूपीआई पर आधारित महंगाई दर सालाना आधार पर 10.49 फीसद पर रही।”

    थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति में लगातार चौथे महीने तेजी हुई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘‘अप्रैल 2021 (अप्रैल 2020 के मुकाबले) में मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 10.49 प्रतिशत थी। मुख्य रूप से कच्चे तेल, पेट्रोल और डीजल जैसे खनिज तेलों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते अप्रैल 2021 में मुद्रास्फीति की वार्षिक दर पिछले साल के इसी महीने की तुलना में अधिक है।’’

    दाल और फलों ने बिगाड़ा बजट

    मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, फूड आर्टिकल्स में अप्रैल महीने में दाल, फल और अंडा-मीट की थोक महंगाई दर बढ़ी है। दालों की महंगाई दर 10.74%, फलों की महंगाई दर 27.43%, दूध की महंगाई दर 2.04% और अंडा-मीट-मछली की महंगाई दर 10.88% रही है। नॉन-फूड आर्टिकल्स में ऑयल सीड्स की महंगाई दर 29.95%, मिनरल्स की महंगाई दर 19.60% और क्रूड पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस की महंगाई दर 79.56% रही है। फ्यूल एंड पावर सेगमेंट में एलपीजी की महंगाई दर 20.34%, पेट्रोल की महंगाई दर 42.37% और हाई स्पीड डीजल की महंगाई दर 33.82% रही है।

    इसलिए बढ़ी मुद्रास्फीति

    कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इसके अलावा पिछले साल अप्रैल के कम आधार ने भी अप्रैल 2021 के दौरान मुद्रास्फीति में हुई बढ़ोतरी में योगदान दिया। अप्रैल 2020 में ऋणात्मक 1.57 फीसदी थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि, ‘मुख्य रूप से कच्चे तेल, पेट्रोल और डीजल जैसे खनिज तेलों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते अप्रैल 2021 में मुद्रास्फीति की वार्षिक दर पिछले साल के इसी महीने की तुलना में अधिक है।’

    इस दौरान अंडा, मांस और मछली जैसी प्रोटीन युक्त खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 4.92 फीसदी रही। हालांकि, सब्जियों की कीमतों में 9.03 फीसदी की कमी हुई। दूसरी ओर अंडा, मांस और मछली की कीमतें 10.88 फीसदी बढ़ीं। अप्रैल में दालों की महंगाई दर 10.74 फीसदी थी, जबकि फलों में यह 27.43 फीसदी रही। इसी तरह ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति अप्रैल में 20.94 फीसदी रही, जबकि विनिर्मित उत्पादों में यह 9.01 फीसदी थी।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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