त्रिपुरा विधानसभा चुनावों की वोटिंग रविवार को हुई। पहली बार इन चुनावों में वाम मोर्चा और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। 9 बजे तक त्रिपुरा में करीब 79 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई। साल 2013 में पिछले त्रिपुरा विधानसभा चुनावों की बात की जाए तो उस समय यहां 92 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
इस बार की वोटिंग पहले की तुलना में कम हुई है। मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही और मतदान प्रतिशत अभी और ऊपर तक जा सकता है। पिछले चुनावों में वाम मोर्चे ने 50 सीट और कांग्रेस ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी।
इन चुनावों में अबकी बार कांग्रेस कहीं भी प्रचार में नजर नहीं आ रही है। अबकी बार 59 सीटों पर मतदान हुआ जबकि शेष एक सीट पर मतदान सीपीएम प्रत्याशी की मौत की वजह से नहीं हो सका।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में मतदान केंद्रों पर निगरानी रखने के लिए हेलीकाप्टरों का उपयोग किया गया था। साथ ही शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए 50,000 अर्धसैनिक बलों और अन्य सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है।
वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट कर त्रिपुरा के लोगो से घरों से बाहर निकलने वोटिंग करने की अपील की। राज्य के बीजेपी अध्यक्ष से भी मोदी ने फोन पर बात की। अध्यक्ष ने बताया कि मोदी ने उन्हें जीत की कामना देते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के अंत की मांग की है।
सीपीएम के राज्य सचिव बिजन धर ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उन्होंने टकरजला निर्वाचन क्षेत्र के तीन बूथों में दोबारा वोटिंग की मांग की। वाम मोर्चे का कहना है कि वो अबकी बार भी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।