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    रेलवे रक्षा बल या रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स ने त्रिपुरा और असम को जोड़ने वाली उत्तरी रेलवे स्टेशन से सात रोहिंगया मुस्लिम बच्चों को गिरफ्तार किया है। बीते दो हफ्तों में 68 रोहिंगया मुस्लिम, जिसमें अधिकतर बच्चे हैं को त्रिपुरा में अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।

    टाइम्स नाउ के मुताबिक आरपीएफ के अधिकारी ने बताया कि “छह लड़कियां और एक लड़के, जो रोहिंगया मुस्लिम है उन्हें धर्मनगर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। अधिक कानूनी प्रक्रिया के लिए सभी नाबालिग बच्चो को त्रिपुरा पुलिस की हिरासत में दे दिया गया है।” उन्होंने कहा कि अगरतला से धर्मानगर यह बच्चे बस से आये हैं और यह दक्षिणी असम के बदरपुर में ट्रैन से जाने वाले थे। उन्होंने कहा कि हैम बच्चों की भाषा समझने में असमर्थ हैं। इन बच्चो के पास बरदारपुर जाने का रेल टिकट मिला है। शायद इन बच्चों की तस्करी की जा रही थी।

    एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी नाबालिगों को जुवेनाइल कस्टडी में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह बच्चे त्रिपुरा कैसे पंहुचे इस पर तफ्तीश की जा रही है।

    भारत के त्रिपुरा राज्य में 31 रोहिंग्या मुस्लिमों को सीमा पार करते हुए हिरासत में लिया गया था। 31रोहिंग्या शरणार्थियों का पहले मेडिकल चेकअप कराया गया और फिर उन्हें पश्चिमी त्रिपुरा जिला अदालत में पेश किया गया था, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हाल ही कि रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष की शुरुआत से ही भारत से तक़रीबन एक हज़ार से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश की तरफ गए हैं।

    हाल ही में बांग्लादेशी गृह मंत्री ने कहा कि रोहिंग्या को बांग्लादेश पर थोपना नही चाहिए। वो बांग्लादेश के नागरिक नही हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ने पहले ही म्यांमार सीमा से भागकर आये रोहिंग्या मुस्लिमों की जिम्मेदारी उठा रखी है, लेकिन जो दूसरे इलाकों से भागकर आएंगे वो हमारी चिंता नही है। उन्होंने कहा कि हमारे पास पहले से ही 11 लाख रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं और वे प्रतिबंधित इलाकों में रह रहे हैं। हमारे ऊपर भारी वित्तीय बोझ है और हम भारतीय इलाको से प्रवेश कर रहे रोहिंग्या मुस्लिमों को रहने की अनुमति नही देंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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